School News: स्कूलों में अब कोई ‘बैकबेंचर’नहीं, क्लासरूम में बैठने के लिए नई व्यवस्था लागू, इस फिल्म से प्रेरित होकर लिया गया फैसला
School News: अब कोई भी बच्चे बैकबेंचर नहीं कहलाएंगे। क्लासरुम में बैठने के लिए नई व्यवस्था लागू कर दी गई है।
School News: अब स्कूलों में कोई बैकबेंचर नहीं होगा। छात्र-छात्राओं के बैठने के लिए अब नई व्यवस्था को लागू कर दिया गया है। खास बात है कि एक फिल्म से प्रेरित होकर इस फैसले को लिया गया है। दरअसल, केरल के कई स्कूलों ने अब क्लास में बच्चों के बैठने की पारंपरिक व्यवस्था को पूरी तरह बदल दिया है। यह नई पहल इतनी अनूठी है कि अब कोई भी बच्चा ‘बैकबेंचर’नहीं कहलाएगा। साथ ही इससे पढ़ाई में फोकस भी बेहतर होगा और शिक्षक हर बच्चे पर आसानी से नजर रख सकेंगे।
फिल्म से ली प्रेरणा
दिलचस्प बात यह है कि इस व्यवस्था की प्रेरणा निर्देशक विनेश विश्वनाथ की फिल्म ‘स्थानार्थी श्रीकुट्टन’से ली गई है। यह फिल्म नवंबर 2024 में दोबारा रिलीज हुई थी और इसके क्लाइमेक्स सीन में दिखाया गया था कि कैसे एक प्राथमिक स्कूल का छात्र श्रीकुट्टन क्लास में बैठने का ऐसा मॉडल सुझाता है जो पीछे बैठने वाले बच्चों के 'कलंक' को दूर कर देता है।
यू-आकार में बैठेंगे बच्चे
फिल्म से प्रभावित होकर केरल के कई स्कूलों ने अब क्लास में यू-शेप (U-आकार) में बैठने की व्यवस्था लागू की है। इस तरीके से हर बच्चा शिक्षक के करीब होगा और किसी को पीछे बैठने की शिकायत नहीं रहेगी। कोल्लम जिले के वालकोम स्थित रामविलासोम वोकेशनल हायर सेकेंडरी स्कूल जो परिवहन मंत्री केबी गणेश कुमार द्वारा संचालित है वहां एक साल पहले ही कक्षा 1 से 4 तक के लिए इस नई व्यवस्था को अपनाया गया। स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया कि ये व्यवस्था बेहद कारगर है। शिक्षक बीच में खड़े होकर हर बच्चे पर बारीकी से ध्यान दे पा रहे हैं। इससे बच्चों का आत्मविश्वास भी बढ़ा है।
बच्चों को भी खूब भा रही है नई व्यवस्था
स्कूल प्रशासन का कहना है कि इस नई पद्धति से न सिर्फ पढ़ाई में मन लगता है, बल्कि शिक्षक बच्चों तक आसानी से पहुंच भी पाते हैं। इससे बच्चों के बीच आपसी संवाद भी बढ़ रहा है। फिल्म की तरह अब केरल के कई स्कूलों में यह प्रयोग हकीकत बन गया है और अन्य जिलों के स्कूल भी इस मॉडल को अपनाने की योजना बना रहे हैं।