ARA - भोजपुर जिले में पांच महीने की गर्भवती महिला की मौत का मामला सामने आया है। बताया गया कि महिला की तबीयत अचानक खराब हो गई. जिसके बाद इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया,लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। वहीं विवाहिता की मौत के बाद परिजनों ने ससुरावालों पर इलाज में देरी करने का आरोप लगाया है। मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। । मृतका शाहपुर थाना क्षेत्र के ओझा के सेमरिया गांव निवासी विकाश ओझा की 27 वर्षीय पत्नी कंचन कुमारी है।
ससुरालवालों ने लगवाया था इंजेक्शन
विवाहिता की मौत की घटना आरा शहर के नवादा थाना क्षेत्र के रामनगर मोहल्ला गली नंबर-दो की है। जहां कंचन कुमारी परिवार के साथ सात साल से किराए के मकान में रह रही थी। मृतका के बड़े भाई बक्सर जिला के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सोंधिला गांव निवासी भाई दुर्गेश पाठक ने बताया कि ढाई साल पहले 15 मई 2022 को बहन की शादी हुई थी।
मेरी बहन गर्भवती थी। यह उसका पहला बच्चा था। बुधवार सुबह करीब 8 बजे जब मैंने उसे फोन किया तो फोन पर बातचीत के दौरान उसने कहा कि मुझे उठने-बैठने में बहुत दिक्कत हो रही है। अब हम नहीं जी पाएंगे। उसने बताया कि तबीयत खराब के दौरान उसके ससुराल वालों ने कहीं ले जाकर उसे इंजेक्शन दिलवाया था।
बहन से बातचीत होने के कुछ समय बाद ही ससुराल वालों ने फोन कर सूचना दी कि उसकी मौत हो गई है। सूचना पाकर परिजन सदर अस्पताल पहुंचे। स्थानीय थाना की पुलिस भी सदर अस्पताल पहुंची। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करवाया। मृतका के भाई ने ससुराल वालों पर इलाज में देरी और लापरवाही का आरोप लगाया है।
ससुर नालंदा के थाने में जमादार
मृतका के ससुर बागेश्वर ओझा ने बताया कि मैं जमादार हूं और नालंदा जिला के अस्थमा थाना में कार्यरत हूं। मेरी बहू पांच माह की गर्भवती थी। इसी बीच उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसे इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल ले गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद मुझे फोन कर सूचना दी गई कि बहू की मौत हो गई है। सूचना पाकर मैं भी आरा सदर अस्पताल पहुंचा।
पुलिस कर रही जांच
पुलिस की मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार इलाज के क्रम में मृत्यु होना प्रतीत होता है। हालांकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण पूरी तरह स्पष्ट हो पाएगा।