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CHHATH PUJA 2024 - बांका में लाखों श्रद्धालुओं ने दिया अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य, घाट पर श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

CHHATH PUJA 2024 - बांका में लाखों श्रद्धालुओं ने दिया अस्ताचलगामी सूर्य  को अर्घ्य, घाट पर श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
बांका में डूबते सूर्य को अर्ध्य देते व्रती- फोटो : चंद्रशेखर कुमार भगत

BANKA -   लोक आस्था के महापर्व छठ का आज तीसरे  दिन  बांका में लाखों श्रद्धालुओं ने अस्ताचलगामी सूर्य देवता  की  अंतिम किरण को अर्घ्य दिया। इस दौरान छठी मैय्या के जयकारे और छठी मैया के गीतों से पूरा घाट गूंज रहा था। छठ घाट पर  बांका जिला प्रशासन की ओर से सारी तैयारी पहले ही पूरी कर ली गई है। किसी भी प्रकार का अप्रिय घटना  ना हो जिसके लिए जिला प्रशासन की ओर से  घाट किनारे बैरिकेडिंग  की व्यवस्था की गई  है साथ ही श्रद्धालुओं के लिए चेंजिंग रूम की व्यवस्था की गई है  बांका  जिला  में भी छठ के लिए लगभग   400 से 500  घाट तैयार किए गए हैं जिसमें 48 घाट की खतरनाक घाट घोषित किया गया है। 

इन  घाटों पर दो दो गोताखोरों की टीम को तैनात किया गया है  और  एस डी आर फ़  की टीम को तैनात किया गया है ताकि किसी भी प्रकार का अप्रिय घटना न घटे । वही बांका  एस डी एम अविनाश कुमार ने बताया कि जिले के सभी  घाटों पर समुचित व्यवस्था की गई है छठ पूजा को शांति पूर्वक मनाने के लिए जिला  प्रशासन मुस्तैद है।इनमें  तारा मंदिर घाट ,  एम आर डी घाट, भयहरण घाट, अमरपुर का चंदसार घाट, नया पोखर घाट, पैनिया नाथ  घाट, फुलवाषा घाट, पाप हरनी घाट पर काफी  भीड़ उमड़ी  थी।

बांका एस डी पी ओ बिपिन बिहारी ने कहा कि  बांका जिले के सभी  छठ घाट पर सुरक्षा की सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। सभी जगह पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर ली गई है।लोगों से अपील है कि किसी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें। किसी भी समस्या के लिए  ड्यूटी पर तैनात पुलिस से संपर्क करें।

 पंडित राजीव पाठक  के अनुसार, यह लोक आस्था का महापर्व है। मतलब, यह बिहार और पूर्वांचल के लोगों की आस्था का प्रतीक है। आस्था पर न तो सवाल किया जा सकता है और न ही इसका कोई जवाब हो सकता है। जहां तक महत्व का सवाल है तो यह प्रकृति को चलाने वाले सूर्यदेव की उपासना का पर्व है। यह देवी कात्यायनी से आशीर्वाद मांगने का पर्व है। छठ दिखाता है कि जिसका अंत है, उसका उदय भी होगा। उन्होंने बताया कि छठी मैया सूर्य देवता की बहन है इसीलिए छठी मैया को खुश करने के लिए सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया जाता है। 


बांका से चंद्रशेखर कुमार भगत कि रिपोर्ट।

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