Bihar New Greenfield Fourlane Road: पश्चिम चंपारण के विकास को गति देने के लिए पटना-बेतिया एनएच-139 डब्ल्यू पर नई फोरलेन ग्रीनफील्ड सड़क का निर्माण जल्द शुरू होने की उम्मीद है। इस 167 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण के लिए भारतमाला परियोजना के तहत डीपीआर तैयार हो चुकी है और जमीन अधिग्रहण का काम भी लगभग पूरा हो गया है।
साहेबगंज-अरेराज-बेतिया खंड पर अटका प्रोजेक्ट
दरअसल, पटना से बेतिया तक 167 किमी लंबी नई फोरलेन ग्रीनफील्ड सड़क (एनएच-139 डब्ल्यू) का निर्माण प्रस्तावित है। इस परियोजना के तहत साहेबगंज-अरेराज-बेतिया के बीच 64.6 किमी सड़क निर्माण के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की मंजूरी का इंतजार है। भारतमाला परियोजना के तहत डीपीआर तैयार हो चुकी है और भूमि अधिग्रहण लगभग पूरा हो चुका है। सड़क निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया जारी है, लेकिन अंतिम निर्णय केंद्र सरकार की स्वीकृति के बाद ही होगा।
यात्रा समय होगा आधा
इस सड़क के बन जाने से पटना से बेतिया की दूरी लगभग 100 किलोमीटर कम हो जाएगी और यात्रा का समय घटकर महज तीन घंटे रह जाएगा। वर्तमान में इस मार्ग पर यात्रा करने में पांच से छह घंटे का समय लगता है। यह सड़क पटना में एम्स गोलंबर से शुरू होकर दीघा के जेपी सेतु होते हुए बकरपुर, मानिकपुर, साहेबगंज, केसरिया और अरेराज होते हुए बेतिया के निकट एनएच 727 से जुड़ेगी। इसमें से 147.33 किलोमीटर पूरी तरह नई सड़क होगी।
5800 करोड़ रुपये की लागत
इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर लगभग 5800 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। सड़क निर्माण का कार्य पांच चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में पटना के एम्स से बकरपुर (सोनपुर) तक, दूसरे चरण में बकरपुर (सोनपुर) से मानिकपुर, तीसरे चरण में मानिकपुर से साहेबगंज, चौथे फेज में साहेबगंज से अरेराज और पांचवें फेज में अरेराज से बेतिया तक सड़क का निर्माण कराया जाना है।
सड़क की विशेषताएं
सड़क पटना में एम्स गोलंबर से शुरू होकर दीघा के जेपी सेतु होते हुए बकरपुर, मानिकपुर, साहेबगंज, केसरिया और अरेराज के रास्ते बेतिया के निकट एनएच-727 से जुड़ेगी। कुल 167 किमी में से 147.33 किमी ग्रीनफील्ड हाइवे होगा।
उत्तर बिहार और उत्तर प्रदेश के लिए नई सुविधा
सड़क निर्माण के बाद उत्तर बिहार और उत्तर प्रदेश से पटना आने-जाने वाले यात्रियों को बड़ी सुविधा मिलेगी। दीघा से बकरपुर के बीच प्रस्तावित छह लेन पुल के निर्माण से जेपी सेतु के विकल्प के रूप में एक नया मार्ग उपलब्ध होगा। वर्तमान में पुल की चौड़ाई कम होने के कारण यातायात बाधित रहता है। नए पुल के निर्माण से यह समस्या काफी हद तक दूर होगी। यह परियोजना उत्तर बिहार और पटना के बीच कनेक्टिविटी में सुधार के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।