Bettiah Raj land: बिहार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी केके पाठक ने राजस्व पर्षद के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभालने के बाद बेतिया राज की जमीनों के कुप्रबंधन और अतिक्रमण की समस्या का समाधान निकालने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। बेतिया राज की विशाल भूमि संपदा, जो बिहार के विभिन्न जिलों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में भी फैली हुई है, लंबे समय से अतिक्रमण और कुप्रबंधन का शिकार रही है। पाठक के नेतृत्व में राजस्व पर्षद ने बेतिया राज की इस भूमि संपदा के प्रभावी प्रबंधन और संरक्षण के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार की है। इस रणनीति के तहत, सरकार ने बेतिया राज की संपत्ति के प्रबंधन की जिम्मेदारी सरकारी अधिकारियों को सौंपी है, साथ ही पेशेवरों की सेवाएं भी ली जा रही हैं। इसके अलावा, राजस्व पर्षद ने बेतिया राज की जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से भी सहयोग मांगा है। पाठक के इन प्रयासों से उम्मीद है कि बेतिया राज की जमीनों का समुचित उपयोग होगा और इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
बेतिया राज की जमीनें उत्तर प्रदेश के वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर जिलों में भी स्थित हैं, जहां ये अतिक्रमण का शिकार हो गई हैं। राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर इन जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने का अनुरोध किया है। पाठक ने इस संबंध में यूपी सरकार से संपर्क साधा है और बेतिया राज की सभी भूमि का समुचित प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए पांच अधिकारियों की आवश्यकता बताई है।
बेतिया राज की लगभग 8 हजार एकड़ जमीन का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, जबकि शेष 5 हजार एकड़ जमीन का रिकॉर्ड दुरुस्त करने का कार्य चल रहा है। इसके अलावा, लगभग 150 एकड़ जमीन की खोजबीन भी जारी है। यह प्रक्रिया न केवल भूमि के अधिकारों को स्पष्ट करेगी बल्कि अतिक्रमण हटाने में भी मददगार साबित होगी।
राजस्व पर्षद ने बेतिया राज की संपत्तियों के कुशल प्रबंधन हेतु पेशेवर एजेंसी चयन करने के लिए निविदा जारी की है। यह कदम इस बात को दर्शाता है कि प्रशासनिक स्तर पर भूमि प्रबंधन को लेकर गंभीरता दिखाई जा रही है।