BETTIAH : भारत लोक संस्कृति और परम्पराओं का देश है। देश के अलग अलग हिस्सों में अलग अलग तरह के पर्व और त्यौहार देखने को मिलते हैं। यहीं वजह है की भारत को विभिन्नता में एकता वाला देश कहा जाता है। बात बगहा की करें तो यहाँ बदलते परिवेश के बाद भी दिवाली के दूसरे दिन वर्षों पुरानी प्रथा देखने को मिलती है।
बगहा के अहिरानी टोला में भैंस की प्रदर्शनी के साथ-साथ सूअर और भैंस की लड़ाई का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। यदुवंशी समाज के लोग इस परंपरा को कई पीढ़ियों से निभाते आ रहे हैं।
मान्यता है कि बहुत पहले एक बाबा ने यहां के गायों और भैंसों को भगवान लाल बाबा का दर्जा दिया था। तभी से सूअर और भैंस की इस अनोखी लड़ाई का आयोजन होता आ रहा है। इस दौरान भैसों के झुंड के साथ एक रस्सी में बांधे हुए सूअर पर हमला बोला जाता है।
बेतिया से आशीष की रिपोर्ट