वरिष्ठ आईएएस अधिकारी केके पाठक ने अब राजस्व पर्षद में अपनी दृढ़ता और कार्यशैली से प्रभाव डालना शुरू कर दिया है। राज्य सरकार के भूमि अभिलेखों के संरक्षक के तौर पर कार्यरत राजस्व पर्षद ने बेतिया राज की भूमि से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। बेतिया राज की जमीन को प्रबंधन में सुधार के लिए पेशेवर एजेंसियों की सेवाएं ली जाएंगी और सरकारी अमले को भी इस काम में सक्रिय भूमिका निभानी होगी।
बेतिया राज की भूमि पर सख्ती, पेशेवर एजेंसियों के चयन की प्रक्रिया शुरू
राजस्व पर्षद ने बेतिया राज की करीब 14 हजार एकड़ भूमि के बेहतर प्रबंधन के लिए एजेंसियों के चयन के लिए निविदा जारी की है। यह जमीन बिहार के विभिन्न जिलों में फैली हुई है, जिनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सारण, पटना, गोपालगंज और सीवान शामिल हैं। साथ ही, उत्तर प्रदेश के वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर जिलों में भी बेतिया राज की जमीनें अतिक्रमण की समस्या से जूझ रही हैं। राज्य सरकार ने इस अतिक्रमण को हटाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र भेजा है।
केके पाठक के पत्र के बाद पांच अधिकारी राजस्व सेवा में तैनात
केके पाठक ने हाल ही में सरकार को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने बेतिया राज की भूमि से संबंधित प्रबंधन, सर्वेक्षण, अतिक्रमण हटाने और न्यायालयों में लंबित मामलों में सरकारी पक्ष रखने के लिए राजस्व सेवा के पांच अधिकारियों की मांग की। इस पर कार्रवाई करते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने पांच अधिकारियों को तैनात कर दिया है, जो अब इस महत्वपूर्ण कार्य को देखेंगे।
बिहार और यूपी में बेतिया राज की 14 हजार एकड़ जमीन
बेतिया राज की 14 हजार एकड़ जमीन का लगभग आठ हजार एकड़ हिस्सा अब तक सर्वेक्षण में आ चुका है, जबकि पांच हजार एकड़ जमीन का रिकॉर्ड अब भी अद्यतन किया जा रहा है। साथ ही, 1500 एकड़ जमीन की खोजबीन जारी है। राजस्व पर्षद के अनुसार, अतिक्रमण हटाने के लिए सात हजार से अधिक मामले न्यायालयों में लंबित हैं।
अतिक्रमण मुक्ति के लिए विशेष अभियान
राजस्व पर्षद ने बेतिया राज की भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए बिहार और उत्तर प्रदेश में एक साथ अभियान चलाने का निर्णय लिया है। यह अभियान दोनों राज्यों में समन्वित रूप से चलेगा, ताकि बेतिया राज की संपत्ति को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराया जा सके और इसे सरकारी संपत्ति के रूप में संरक्षित किया जा सके। राजस्व पर्षद के अध्यक्ष के रूप में केके पाठक के नेतृत्व में बेतिया राज की संपत्ति का उचित प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा। पाठक के सख्त रुख और फैसलों से न केवल भूमि का सर्वेक्षण कार्य तीव्र होगा, बल्कि अतिक्रमण मुक्त करने के प्रयासों को भी गति मिलेगी