India-Pakistan Tension:कश्मीर की कहानी सुनाने गए थे बिलावल, अमेरिका ने थमा दिया आतंकवाद की डायरी, वॉशिंगटन में हुई सरेआम बेइज्ज़ती! बड़ी बेआबरु होकर तीरे कूचे से निकले हम....

India-Pakistan Tension: पाकिस्तान ने सोचा था कि वह भारत की डिप्लोमेसी की नकल करके दुनिया में तालियां बटोर लेगा, लेकिन अमेरिका पहुंचकर बिलावल भुट्टो को जो ताली मिली, वो हाथ पर नहीं बल्कि गाल पर पड़ी।...

बिलावल भुट्टो
पाकिस्तान फिर बना विश्वसनीय संकट- फोटो : social Media

India-Pakistan Tension: पाकिस्तान ने सोचा था कि वह भारत की डिप्लोमेसी की नकल करके दुनिया में तालियां बटोर लेगा, लेकिन अमेरिका पहुंचकर बिलावल भुट्टो को जो ताली मिली, वो हाथ पर नहीं बल्कि गाल पर पड़ी।अमेरिकी सांसद ब्रैड शर्मन ने बड़ी साफगोई से कहा कि  “कश्मीर छोड़िए साहब, पहले अपने घर के आतंकियों को तो काबू में लीजिए।” बिलावल बेचारे सोच रहे थे कि UN और अमेरिका में भारत की शिकायत करेंगे और कोई “सांत्वना पुरस्कार” मिल जाएगा, लेकिन वहां तो आतंकवाद की फाइल खोल दी गई!

शर्मन ने याद दिलाया कि डैनियल पर्ल की हत्या पाकिस्तान की धरती पर हुई थी और हत्या करने वाला संगठन आज भी फल-फूल रहा है।जिस संगठन ने मेरे जिले के नागरिक की हत्या की थी, उसे पाकिस्तान ने अभी तक ज़िंदा रखा है, यह बर्दाश्त नहीं!मतलब साफ है – अगर आतंकी पालने हैं तो डिप्लोमैटिक रिसेप्शन भूल जाओ!

शर्मन ने पाकिस्तान में हिंदू, ईसाई और अहमदी समुदायों की हालत पर भी सीधा कटाक्ष किया। बोले कि धर्म की आज़ादी सिर्फ किताबों में नहीं, सड़कों पर दिखनी चाहिए। बहरहाल अब बिलावल सोच में पड़ गए होंगे कि आखिर शिकायत करें तो किस बात की?

"शकील अफरीदी को छोड़ो – वरना साख छोड़नी पड़ेगी"

9/11 के गुनहगार ओसामा बिन लादेन को पकड़वाने में जिसने मदद की  वही डॉ. अफरीदी पाकिस्तान की जेल में 33 साल की सजा काट रहा है। इसपर अमेरिकी सांसद ब्रैड शर्मन ने कहा कि अगर आप वाकई आतंकवाद के खिलाफ हैं, तो इस हीरो को रिहा करो।

शशि थरूर का दल बन गया स्टार अट्रैक्शन!

जहां बिलावल पानी पानी हो रहे थे, वहीं शशि थरूर अमेरिका में “ऑपरेशन सिंदूर” और पहलगाम हमले पर भारत की आतंकवाद-विरोधी नीति का झंडा बुलंद कर रहे थे।भारत का प्रतिनिधिमंडल जहां सम्मान पा रहा था, वहीं पाकिस्तान का डेलिगेशन “Do More– Repeat After Me” वाली क्लास में बैठा था।

बहरहाल बिलावल भुट्टो सोच रहे थे कि वे अमेरिका जाकर ‘डिप्लोमैटिक छक्का’ मारेंगे,मगर वहां तो पहले ओवर में ही ‘आतंकवाद की यॉर्कर’ पर बोल्ड हो गए!  भारत की विदेश नीति की फोटोकॉपी से अगर झूठ छपेगा तो अमेरिका फाइल फाड़कर असली रिपोर्ट सामने रख देगा!