Goa temple stampede: गोवा की श्री देवी लैराई जात्रा में भगदड़,7 श्रद्धालुओं की मौत, 30 घायल, जानें ताजा हालात

गोवा के शिरगांव में देवी लैराई जात्रा के दौरान मची भगदड़ में 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है और 30 घायल है।

Goa temple stampede
Goa temple stampede- फोटो : SOCIAL MEDIA

Goa temple stampede: गोवा के शिरगांव स्थित श्री देवी लैराई मंदिर में हर साल आयोजित होने वाली प्रसिद्ध लैराई जात्रा इस बार एक दर्दनाक हादसे में बदल गई।02 मई 2025 (शुक्रवार) की रात आयोजित धार्मिक कार्यक्रम के दौरान अचानक भगदड़ मचने से 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 30 से अधिक लोग घायल हो गए।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रात को जात्रा अपने चरम पर थी जब अचानक भीड़ में हलचल मची और लोग एक-दूसरे पर गिरते-पड़ते बाहर भागने लगे।लोगों की चीख-पुकार और भगदड़ ने स्थिति को और भयावह बना दिया। कई लोग जमीन पर गिर पड़े, जिन्हें संभालने वाला कोई नहीं था।

1000 पुलिसकर्मियों की तैनाती, फिर भी नहीं रुका हादसा

श्री देवी लैराई यात्रा के लिए प्रशासन ने पहले से ही 1000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की थी।भीड़ पर ड्रोन से हवाई निगरानी की जा रही थी और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, उनकी पत्नी सुलक्षणा, राज्यसभा सांसद सदानंद शेट तनावड़े समेत कई गणमान्य अतिथि दिन में यात्रा स्थल पर उपस्थित थे।लेकिन इतने इंतजामों के बावजूद भीड़ नियंत्रण व्यवस्था पूरी तरह नाकाम रही।

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हादसे की संभावित वजहें: शुरुआती रिपोर्ट क्या कहती हैं?

हालांकि अब तक आधिकारिक रूप से भगदड़ की वजह स्पष्ट नहीं की गई है, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार श्रद्धालुओं की संख्या प्रशासन की अपेक्षाओं से कहीं अधिक थी।इससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि भले ही पुलिस तैनात थी, लेकिन भीड़ प्रबंधन और आपात योजनाएं प्रभावी नहीं थीं।

मुख्यमंत्री का अस्पताल दौरा और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने घायलों से मिलने के लिए अस्पताल का दौरा किया।उन्होंने अधिकारियों को तत्काल राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए और घटना की जांच के आदेश भी दिए।

धार्मिक आयोजनों में भीड़ नियंत्रण: भारत की बड़ी चुनौती

यह घटना एक बार फिर यह सवाल उठाती है कि भारत में धार्मिक आयोजनों में भीड़ नियंत्रण और आपातकालीन प्रबंधन कितना कमजोर है।