Bihar news - युवा चेतना ने किसान मजदूर नेता सहजानंद सरस्वती की पुुण्यतिथि मनाई, मौके पर मौजूद शाहनवाज हुसैन ने कहा गरीबों के नेता को नहीं मिला उचित सम्मान

Bihar news - युवा चेतना के तत्वावधान में विश्व के महान किसान-मजदूर नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती जी की पुण्यतिथि पर समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान किसान मजदूर नेता के जीवन को याद किया गया।

Bihar news - युवा चेतना ने किसान मजदूर नेता सहजानंद सरस्वती

New Delhi - नई दिल्ली स्थित साउथ एवेन्यू में युवा चेतना के तत्वावधान में विश्व के महान किसान-मजदूर नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती जी की पुण्यतिथि पर समारोह का आयोजन किया गया। पुण्यतिथि समारोह का शुभारंभ भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवँ पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन,युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह सहित अन्य गणमान्य लोगों ने स्वामी सहजानंद सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि कर किया।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवँ पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा की समाज के अंतिम व्यक्ति को मुख्यधारा में लाने हेतु स्वामी सहजानंद सरस्वती ने अभूतपूर्व भूमिका का निर्वहन किया।स्वामी सहजानंद सरस्वती ने वंचित वर्ग के समग्र विकास हेतु राष्ट्रीय अभियान चलाया।श्री हुसैन ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा की एसे कई नेता हैं जिन्होंने कई हवाई अड्डा पर अपने नाम का कब्जा कर लिया है तो फिर गरीबों के नेता स्वामी सहजानंद जी के नाम पर हवाई अड्डा और कोई महत्त्वपूर्ण संस्थान क्यों नहीं।

पुण्यतिथि समारोह का अध्यक्षता करते हुए युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह ने कहा की स्वामी सहजानंद सरस्वती सामाजिक न्याय के आधार स्तंभ थे।श्री सिंह ने कहा की बिहार सहित देश में समानता के स्थापना हेतु स्वामी जी ने बड़ी लड़ाई लड़ी। श्री सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार ने ही पहली बार स्वामी सहजानंद सरस्वती के स्मृति में डाक टिकट जारी किया था और हमे विश्वास है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बिहटा का हवाई अड्डा उनके नाम पर करेगी ल।

श्री सिंह ने स्वामी सहजानंद के नाम पर कृषि विश्वविद्यालय खोलने का भी आग्रह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किया।श्री सिंह ने कहा की बिहार और पूरे देश में स्वामी सहजानंद सरस्वती के समर्थक और वंशज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़े हैं।पुण्यतिथि समारोह का संचालन रणजीत चौधरी ने किया। 

बता दें कि आज के दिन ही सहजानंद सरस्वती का निधन हुआ था। उन्हें भारत के सबसे बड़े किसान आंदोलन चलाने का श्रेय दिया जाता है। हालांकि देश  के किसी यूनिवर्सिटी में उनके योगदान को कोर्स में शामिल नहीं किया गया है।