नायब तहसीलदार ने अपने आवास में खुद को मारी गोली, इलाज के दौरान हुई मौत, सरकारी महकमे में मच गया हड़कंप

Bijnaur - यूपी के बिजनौर में बुधवार की सुबह साढ़े 10 बजे के करीब बड़ी घटना हो गई। यहां सदर तहसील के नायब तहसीलदार राजकुमार ने खुद को सरकारी आवास में बंद कर लाइसेंसी पिस्टल से गोली मार ली। उन्हें आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन अंतत: उन्हें बचाया नहीं जा सका। नायब तहसीलदार के सुसाइड से बिजनौर के प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मच गया है।
जानकारी के अनुसार घटना सुबह करीब 11 बजे की बताई जा रही है। गोली लगने के बाद उन्हें गंभीर हालत में निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां करीब दो घंटे तक इलाज चला। दोपहर करीब 1:30 बजे चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और तहसील परिसर के कमरे की तलाशी ली। बताया गया कि गोली चलने के बाद कमरा अंदर से बंद हो गया था, जिसे तोड़कर बाहर निकाला गया।
पुलिस को मौके से नायब तहसीलदार की लाइसेंसी पिस्टल मिली है। अभी आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस मोबाइल फोन और अन्य दस्तावेजों को खंगाल रही है, ताकि घटना की वजह सामने आ सके।
बागपत जिले के थे निवासी
नायब तहसीलदार राजकुमार बागपत जिले के थाना छपरौली के गांव कुरड़ी के रहने वाले थे। वे यहां कलेक्ट्रेट के पीछे स्थित ऑफिसर्स कॉलोनी में परिवार सहित रहते थे। राजकुमार के माता-पिता भी उनके साथ ही रहते थे। अधिकारियों के अनुसार नायब तहसीलदार राजकुमार सरकारी काम से इलाहाबाद हाईकोर्ट गए हुए थे। बुधवार की सुबह करीब 9 बजे वे इलाहाबाद से घर लौटे थे।
फोन पर बात करते कमरे में गए और मार ली गोली
बताया जा रहा है कि घर लौटने के बाद वे परिवार के लोगों से बात कर रहे थे। बातचीत के दौरान वे कमरे में गये और अंदर से कुंडी लगाकर खुद को पिस्टल से गोली मार ली। गोली उन्होंने कनपटी से सटाकर मारी थी। गोली की आवाज सुनकर परिजनों में कोहराम मच गया। पूरे घर में चीख-पुकार मच गई।
पुलिस दरवाजा तोड़कर घुसी अंदर
परिजनों ने दरवाजा खुलवाने की कोशिश की, लेकिन दरवाजा नहीं खुला। इस बीच सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। किसी तरह दरवाजा तोडक़र खून से लथपथ नायब तहसीलदार राजकुमार को बाहर निकाला गया। उनकी बेहद चिंताजनक हालत थी। उन्हें आनन-फानन में सिविल लाइन स्थित बीना-प्रकाश हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उन्हें बचाने की हरसंभव कोशिश की गई।
अस्पताल पहुंची डीएम जसजीत कौर ने भी डॉक्टरों से बातचीत कर नायब तहसीलदार के इलाज में कोई कसर न छोडऩे के लिए कहा। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद अंतत: राजकुमार को बचाया नहीं जा सका। डॉ. प्रकाश ने बताया कि नायब तहसीलदार को बेहद चिंताजनक हालत में अस्पताल लाया गया था।