Unique love story:सास खोजने निकली दामाद,पसन्द आया तो उसी को बना लिया अपना दूल्हा,बेटी देखते रह गई...
Unique love story:इश्क में दिल है कि मानता नहीं" और उम्र, रिश्ते, या सामाजिक मर्यादाएँ सब धरी की धरी रह जाती हैं.दिल का क्या करें साहिब......

Unique love story: क्या खूब ज़माना आया है! अब बेटियाँ अपनी माँओं को घर बसाने में मदद कर रही हैं, वो भी अपने ही होने वाले दूल्हे से! अलीगढ़ के बाद शाहजहांपुर ने भी दिखा दिया कि "दिल है कि मानता नहीं" और उम्र, रिश्ते, या सामाजिक मर्यादाएँ सब धरी की धरी रह जाती हैं.
एक 45 वर्षीया विधवा अपनी बेटी के लिए दूल्हा ढूँढने निकली थीं, लेकिन नियति का खेल देखिए, खुद ही होने वाले दामाद पर दिल हार बैठीं. और तो और, बेटी भी इतनी "मॉडर्न" निकली कि माँ की खुशी के लिए अपने ही पति को सौतेला बाप बनाने में जरा भी नहीं हिचकी. धन्य हो ऐसी संतान!
पूरा गाँव इस "अनोखी" प्रेम कहानी से सकते में है. कुछ कह रहे हैं कि ये "समाज की मर्यादाओं" का उल्लंघन है, तो कुछ इसे महिला की "हिम्मत" बता रहे हैं. भई, हिम्मत तो है ही! अब कौन अपनी बेटी के लिए रिश्ता देखने जाए और खुद ही दुल्हन बन कर लौट आए? ये तो प्रेम की साक्षात देवी निकलीं!
लगता है, अब प्रेम कहानियाँ सिर्फ़ किताबों में ही नहीं, बल्कि गाँव-गाँव में, घर-घर में, और रिश्तों के जाल में उलझकर भी जन्म लेंगी. अब देखना ये है कि इस "साहसिक" कदम से समाज में और कितने "अजब-गजब" रिश्ते पनपते हैं! क्या पता, कल को कोई बेटा अपने पिता के लिए बहु ढूँढने जाए और खुद ही उससे विवाह कर ले! "कलयुग" है भाई, कुछ भी हो सकता है!