महिला ने 30 महीने में 25 बार बच्चा पैदा करने का बनाया रिकॉर्ड ! हैरान करने वाला मामले ने उड़ाया डॉक्टरों का होश

एक महिल भले ही नौ महीने में एक बच्चा पैदा करती हो लेकिन एक हैरान करने वाले मामले में अब तक का सारा रिकॉर्ड ध्वस्त हो गया. एक महिला ने 30 महीने में 25 बच्चा पैदा किया है. साथ ही इसी अवधि में पांच बार नसबंदी भी हुई है.

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woman gave birth - फोटो : news4nation

Ajab-Gajab : एक महिला ने 30 महीने में 25 बार बच्चा पैदा करने का रिकॉर्ड बनाया है. इतना ही नहीं इस अवधि में महिला ने 5 बार नसबंदी भी कराई लेकिन उसके बाद भी बच्चे पैदा होने का सिलसिला नहीं थमा. आम तौर पर भले ही एक महिला नौ महीने का गर्भावस्था काल से गुजरती हो लेकिन हैरान करने वाली घटना में इस महिला का 25 बार प्रसव हुआ, वह भी मात्र 30 महीने में . यानी आम महिला बड़ी मुश्किल से जान जोखिम  में डालकरां 30 महीने में 3 बच्चे पैदा कर सकती है वहीं इस महिला ने 25 बच्चे पैदा कर दिए. अब यह कारनामा जब सरकारी रिकॉर्ड में आया तो हर कोई हैरान हो गया. 

30 महीनों में 25 बार प्रसव का यह मामला उत्तर प्रदेश के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के रिकॉर्ड से पता चला है. रिकॉर्ड बताते हैं  कि यूपी के आगरा जिले की एक महिला ने 2021 से 2023 के बीच 30 महीनों में 25 बार प्रसव कराया और पांच बार नसबंदी कराई. यह सब इसलिए हुआ ताकि उसे प्रति प्रसव पर 45,000 रुपये का लाभ मिल सके. हाल ही में एक ऑडिट में सरकार की राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा संचालित योजना के तहत फर्जी दावों का पता चलने के बाद चौंकाने वाला डेटा सामने आया.

ऐसे हुआ प्रसव का खेल 

30 महीने में 25 बार प्रसव और 5 बार नसबंदी कराने वाली महिला का नाम सरकारी रिकॉर्ड में 35 वर्षीय कृष्णा कुमारी के रूप में दर्ज है. शुरूआती जांच में पता चला की महिला के नाम पर फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके खोले गए बैंक खाते में ट्रांसफर किया गया, जिसे पैसे के बारे में कोई जानकारी नहीं है. घोटाले के हिस्से के रूप में उसके नाम का दुरुपयोग किया गया.

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पांच लोगों पर शिकायत 

पांच लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है, जिनमें से चार स्वास्थ्य कर्मचारी हैं. इनमें से तीन को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने बताया कि पांचवां आरोपी एक एजेंट है.  इस एजेंट ने कथित तौर पर कृष्णा के नाम से बैंक खाता खोला और फिर उसमें से सरकारी राशि निकाल ली. मुख्य चिकित्सा अधिकारी अरुण श्रीवास्तव ने गुरुवार को मीडिया को बताया, "चार आरोपी अनुबंध पर फतेहाबाद सीएचसी में तैनात थे, जबकि पांचवां बाहरी व्यक्ति था. गहन जांच चल रही है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या ऐसे और भी मामले हैं. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि  स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की संलिप्तता के बिना धोखाधड़ी वाले दावे नहीं किए जा सकते. जांच दल इसका पता लगा रहा है की इसमें प्रशासनिक कर्मचारियों, नर्सों और यहां तक कि डॉक्टरों की संलिप्तता है या नहीं.