दारोगा बनने का नाटक, धूमधाम से हुई शादी और पत्नी के साथ 'पोस्टिंग' 5 साल तक लाखों की ठगी

रणवीर कुमार नामक एक व्यक्ति पांच साल तक खुद को दारोगा बताकर न केवल अपने परिवार और पत्नी को धोखे में रखता रहा, बल्कि नकली वर्दी और पिस्तौल के दम पर लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी भी करता रहा

दारोगा बनने का नाटक, धूमधाम से हुई शादी और पत्नी के साथ 'पोस
दारोगा बनने का नाटक, धूमधाम से हुई शादी और पत्नी के साथ 'पोस्टिंग'- फोटो : NEWS 4 NATION

एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां रणवीर कुमार नामक एक व्यक्ति पांच साल तक खुद को दारोगा बताकर न केवल अपने परिवार और पत्नी को धोखे में रखता रहा, बल्कि नकली वर्दी और पिस्तौल के दम पर लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी भी करता रहा। यह फर्जी एसआई अब पुलिस की गिरफ्त में है, और उसकी सच्चाई सामने आने पर सभी हैरान हैं।


दारोगा बनने का नाटकधूमधाम से हुई शादी और पत्नी के साथ 'पोस्टिंग'

रणवीर कुमार ने दारोगा भर्ती परीक्षा में फेल होने के बाद अपने परिवार को झूठी खबर दी कि वह दारोगा बन गया है। इस झूठी खुशी में परिजनों ने उसकी धूमधाम से शादी कर दी। ससुराल वाले भी दारोगा दामाद पाकर बेहद खुश थे। शादी के बाद रणवीर अपनी पत्नी को लेकर कथित पोस्टिंग वाले जिले में चला गया। वहां वह रोजाना सुबह पत्नी के हाथों का खाना खाकर ड्यूटी पर जाने का नाटक करता था। पांच साल तक सब कुछ सामान्य चलता रहा, लेकिन अब उसकी पत्नी और माता-पिता को पता चला है कि उनका बेटा/पति दारोगा है ही नहीं।


एसपी कार्यालय में पकड़ा गया फर्जी दारोगाठगी का खुलासा

इस फर्जी दारोगा की पोल तब खुली, जब वह अररिया एसपी कार्यालय में एक महिला की पैरवी करने पहुंचा। पुलिसकर्मियों को उसके हाव-भाव और बातचीत से शक हुआ, क्योंकि वह पुलिसकर्मियों जैसा नहीं लग रहा था। चुपके से नगर थानाध्यक्ष मनीष कुमार रजक को सूचना दी गई। जैसे ही वह कार्यालय से बाहर निकला, पुलिस ने उसे रोककर पूछताछ शुरू कर दी। पूछताछ में उसने खुद को अररिया के पलासी थाने में पदस्थापित दारोगा बताया, लेकिन वरीय अधिकारियों और पुलिस शब्दावली से जुड़े सवालों का जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद उसे हिरासत में लेकर जांच की गई, तो पता चला कि उसके पास बरामद हथियार भी नकली था। रणवीर पिछले लगभग तीन वर्षों से पूर्णिया, कटिहार और अररिया जिलों में लोगों का काम कराने के नाम पर मोटी रकम ठग रहा था।


फर्जी वर्दी और नकली पिस्तौल जब्त: धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज

पूछताछ में रणवीर कुमार (32) ने अपनी असली पहचान उजागर की। वह मधेपुरा जिले के सिंघेश्वर थाना क्षेत्र के दुधैला गांव का निवासी है और अर्जुन पासवान का बेटा है। उसने बताया कि 2018 में दारोगा परीक्षा में असफल होने के बाद उसने परिवार को झूठ बोला। सच्चाई छिपाने के लिए वह पूर्णिया और कटिहार में अलग-अलग जगहों पर रहने का नाटक करता रहा ताकि लगे कि उसकी पोस्टिंग विभिन्न स्थानों पर हुई है। वर्तमान में वह अररिया जिले के फारबिसगंज के गोरियारी में अपनी पत्नी और 4 साल के बेटे के साथ रह रहा था। नगर थानाध्यक्ष के अनुसार, फर्जी दारोगा के पास से पुलिस की वर्दी और नकली पिस्तौल बरामद की गई है। उसके खिलाफ सरकारी वर्दी के दुरुपयोग और धोखाधड़ी जैसी संगीन धाराओं में केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है। उसकी पत्नी अभी भी सदमे में है, जबकि माता-पिता को यह मानने में मुश्किल हो रही है कि उनका बेटा फर्जी दारोगा निकला।