Operation Sindoor: आरा में अंडे वाले का पुलिस ने बनाया आमलेट! पाकिस्तान के समर्थन में वीडियो पोस्ट करना पड़ा भारी, हो गई कार्रवाई

Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भोजपुर और नवादा में पाकिस्तान समर्थक वीडियो फेसबुक पर पोस्ट करने के दो मामलों में गिरफ्तारियां हुईं। जानिए कैसे सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा देश विरोधी कंटेंट और प्रशासन ने कैसे की कार्रवाई।

Operation Sindoor
आरा में पुलिस की बड़ी कार्रवाई- फोटो : SOCIAL MEDIA

Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना की ओर से किया गया एक जवाबी अभियान था, जो पहलगांव आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए चलाया गया। इसने पूरे देश में राष्ट्रवादी उत्साह और संवेदनशीलता को बढ़ाया।लेकिन इसी संवेदनशीलता की आड़ में कुछ असामाजिक तत्वों ने सोशल मीडिया को राष्ट्रविरोधी दुष्प्रचार का माध्यम बना लिया।

भोजपुर – एडिटेड वीडियो के जरिए पाकिस्तान समर्थन

आरा भोजपुर में मो. सहजाद आलम उर्फ गोल्डेन एक थोक और खुदरा अंडा विक्रेता है। उसने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर पाकिस्तान के समर्थन पर एडिटेड और AI- बेस्ड वीडियो पोस्ट किया था। वीडियो में पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए गए थे। इस तरह से भारतीय सेना और ऑपरेशन सिंदूर को नीचा दिखाने की कोशिश की गई। इसकी खबर पुलिस को मिल गई।

पुलिस कार्रवाई

 पुलिस को वीडियो से जुड़ी जानकारी मिली। वीडियो मिलने के कुछ घंटों के अंदर गिरफ्तारी की गई। मोबाइल फोन और वीडियो जब्त किया गया। एफआईआर अपर थानाध्यक्ष उदयशंकर के बयान पर दर्ज किया। इस तरह का दूसरा मामला नवादा में देखने को मिला, जब  चौधरियाना मोहल्ला के रहने वाले इलेक्ट्रॉनिक दुकान मालिक मो. अशफाक ने देश विरोधी वीडियो पोस्ट किया था, जो बाद में वायरल हो गया। इसके बाद पुलिस हरकत में आ गई और शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी ने पाकिस्तान पक्षधर वीडियो फेसबुक पर अपलोड किया था। यह वीडियो 16 मई को भोजपुर पुलिस को प्राप्त हुआ और आरोपी को तत्परता से गिरफ्तार कर लिया गया।

कानून और साइबर सतर्कता: पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया

दोनों मामलों में पुलिस ने सख्ती दिखाई। इस दौरान आईटी एक्ट, देशद्रोह, और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया। इसके बाद सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ाई गई। SDM और SDPO को त्वरित सूचना और निर्देश दिए गए हैं। इन मामलों ने यह साबित कर दिया कि सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाना भी गंभीर अपराध हो सकता है, विशेषकर जब वह राष्ट्र की छवि और सुरक्षा पर असर डालता है।