Bihar politics - गोपाल खेमका बड़े व्यक्ति, इसलिए पुलिस से लेकर सरकार एक्टिव, गरीबों की हत्या पर नहीं जाती किसी की नजर, प्रशांत किशोर का बड़ा बयान

Bihar politics - प्रशांत किशोर ने गोपाल खेमका की मौत पर दुख जताया है। साथ ही कहा कि डिप्टी सीएम को अब कानून व्यवस्था खराब नजर आ रहा है। हर दिन गरीबों की हत्या हो रही थी तो उनकी आंखे बंद थी।

Bihar politics - गोपाल खेमका बड़े व्यक्ति, इसलिए पुलिस से ले
खेमका की हत्या पर पीके ने किया सरकार पर हमला- फोटो : नरोत्तम कुमार

Arwal - पटना में व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या पर प्रशांत किशोर  ने दुख जाहिर किया है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने पुलिस और सरकार को उनकी जिम्मेदारी भी याद दिलाई है। पीके ने कहा कि गोपाल खेमका की जिस तरह से उनके घर के सामने हत्या की गई वह दुखद है। लेकिन वह बड़े व्यक्ति थे। इसलिए पुलिस और सरकार इसको लेकर एक्टिव है। लेकिन बिहार में हर दिन कई गरीब लोगों की हत्या  होती  है। लेकिन कभी भी सरकार का ध्यान उनकी तरफ नहीं जाता है। 

बिहार बदलाव यात्रा लेकर अरवल पहुंचे  प्रशांत किशोर ने माना कि सूबे में कानून व्यवस्था खराब हो चुकी है। हर दिन लोगों से खुलेआम रंगदारी, मर्डर बिहार में आम हो गया है। उन्होंने कहा कि एक  दिन पहले  ही सिवान में तीन लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। लेकिन बिहार के डिप्टी सीएम को तब खराब कानून व्यवस्था नजर आई। खेमका जी की दुखद हत्या पर वह कानून व्यवस्था की दुहाई दे रहे हैं। बिहार पुलिस का इकबाल खत्म हो गया है।

पीके ने कहा कि दो साल से कानून व्यवस्था को लेकर एसआईटी बनाने की मांग की जा रही है। लेकिन इस पर कुछ नहीं हुआ। बिहार में सिर्फ एक महीने में पांच बच्चियों से रेप की घटना हुई, जिसमें चार की मौत हो गई। सरकार बताए कि इसमें कितने पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई।

सच्चाई यह है कि बिहार सरकार को अपराध और अपराधियों से कोई मतलब नहीं है, यह सिर्फ लूटपाट में लगे हुए हैं।

राजद को बताया झगड़ा लड़ाई करनेवाली पार्टी

प्रशांत किशोर ने मतदाता सूची पुनरीक्षण के विरोध में 9 जुलाई को राजद के बिहार बंद में शामिल होने से इंकार करते हुए कहा कि आरजेडी वाले हमेशा रोड पर उतरना मार झगड़ा करना लूटपाट करना इनका नेचर है। हम इसमें शामिल नहीं होंगे।

पीके ने कहा बिहार में इलेक्शन कमिशन बिहार में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉन रिवीजन करा रहा है।  जिसमें संभावना है जो गरीब है, बाहर मजदूरी करता है, जिसका घर  बाढ़ से प्रभावित है उसके पास शायद यह पेपर ना हो। ऐसे लोगों के  लिए भी चुनाव आयोग को सोचने की जरुरत है।

report - नरोत्तम कुमार