Bihar politics - महर्षि वेदव्यास के जन्मोत्सव में शामिल हुए सुप्रीमो मुकेश सहनी ने अपने समाज को गोलबंद होने का किया आवाह्न
Bihar politics - महर्षी वेदव्यास की जंयती में शामिल हुए मुकेश सहनी ने मल्लाह समाज को अपने अधिकारों के लिए गोलबंद होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा यह सही समय है।

Aurangabad – जिले के बारुण में महर्षि वेद व्यास की जयंती के मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया,जिसके मुख्य अतिथि के रूप में बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने भाग लिया, वहीं इस कार्यक्रम में सासाराम सांसद मनोज राम, नवीनगर विधायक डब्लू सिंह,पूर्व आईपीएस सह उपाध्यक्ष बिके सिंह ने भाग लिया।
कार्यक्रम का संचालन पूर्व मुखिया प्रतिनिधि रंजीत चौधरी उर्फ नंदी व नगर पार्षद औरंगबाद सुनील चौधरी उर्फ छोटू ने किया। सभी ने अपने सम्बोधन के दौरान लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक होने की बात कहा और महर्षि वेद ब्यास जी के जीवन शैली के बारे में बताया और लोगों उनके द्वारा बताए हुए मार्गदर्शन को अपनाने पर जोर दिया है। साथ ही अपने अधिकारों के लिए लड़ना है. इस दौरान उन्होंने मतदाता पुनरीक्षण को गलत बताया.
साथ ही विधायक डबल्लू सिंह ने कहा कि अगर महागठबन्धन की सरकार बनती है तो मुकेश सहनी उपमुख्यमंत्री बनेंगे.
वही अपने सम्बोधन के दौरान पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने राजनीतिक सामाजिक आर्थिक स्थिति पर गहनता से अपनी बातों को रखा. खास करके निषाद समाज के लोगों से अपील किया कि एक रोटी कम खाइए लेकिन अपने बच्चों को शिक्षा जरूर दें. ताकि शिक्षा से ही हमारा समाज मजबूत बन सकता है.
साथ ही उन्होंने आरक्षण के मुद्दों पर कहा कि कुछ राज्यों में हमारे समाज को आरक्षण दिया जा रहा है और बिहार सहित कई राज्यों में आरक्षण नहीं भी दिया जा रहा है. यह व्यवहार हमें कतई मंजूर नहीं है. हमारी लड़ाई हमारे समाज को हक दिलाना है यानी कि आरक्षण दिलाना है. सरकार अगर बनती है तो आरक्षण दिया जाएगा.
साथ ही जाति आधारित गणना होगी जिस जाति की जितनी संख्या उतना आरक्षण दिया जाएगा .वर्तमान समय मे वोट की चोरी की जा रही है, अधिकारों को कुचला जा रहा है। मतदाता पुनरीक्षण पर कहा कि राज्य व केंद्र में लंबे समय से सरकार के बावजूद आखिर अवैध वोटर कैसे जुड़ गए। अगर वे अवैध है वर्ष 2024 लोकसभा का चुनाव भी अवैध है. वहीं उन्होंने बिहार तथा केंद्र सरकार पर तीखी आलोचना भी किया है
औरंगाबाद बिहार से दीनानाथ मौआर की रिपोर्ट