Bhagalpur Boy organic farming: भागलपुर के अभिषेक भारती और समस्तीपुर के पुषण किशोर ने 2015 में एक अनोखा और इनोवेटिव ई-कॉमर्स ऑर्गेनिक एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म ओकार्ट डॉट कॉम की शुरुआत की। यह कंपनी आज 6 राज्यों में अपना सेटअप स्थापित कर चुकी है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दक्षिण अफ्रीका में भी अपना कारोबार फैला रही है। यह दोनों दोस्त अब 1600 से ज्यादा लोगों को रोजगार दे रहे हैं। कभी 20 हजार रुपये के कर्ज से शुरू हुई यह कंपनी अब सालाना 36 करोड़ रुपये का टर्नओवर कर रही है।
कद्दू की घटना ने दिया आइडिया
अभिषेक बताते हैं कि एक साधारण घटना ने उनकी सोच को पूरी तरह से बदल दिया। एक बार, वह अपने दोस्त के घर गए थे जहां कद्दू खरीदकर फ्रिज में रखा गया था। सुबह उठने पर उन्होंने देखा कि कद्दू की साइज इतनी बढ़ गई थी कि फ्रिज का दरवाजा खुल गया। इस घटना ने उन्हें सोचने पर मजबूर किया कि लोगों को ऑर्गेनिक उत्पादों की तरफ जाना चाहिए, ताकि पेस्टिसाइड्स से होने वाली बीमारियों से बचा जा सके। यहीं से ऑर्गेनिक खेती के प्रति उनकी जागरूकता अभियान की शुरुआत हुई।
ऑर्गेनिक प्लेटफार्म का निर्माण
ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अभिषेक और पुषण ने ओकार्ट डॉट कॉम की शुरुआत की। 2014 में, उन्होंने ई-किसान प्रोजेक्ट लाया, जिसमें किसानों को ऑर्गेनिक खेती की तरफ प्रेरित किया गया। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसानों को उनकी फसल के लिए ब्रांड बनाकर मार्केट में सेल किया जाता है। इसके साथ ही, किसानों को वर्कशॉप और अवेयरनेस प्रोग्राम्स के माध्यम से ऑर्गेनिक खेती की ट्रेनिंग दी जाती है।
डिजिटल समाधानों से किसानों की मदद
उन्होंने किसानों को डिजिटली सक्षम बनाने के लिए टैबलेट्स प्रदान किए, जिससे वे अपने फसलों की रियल टाइम तस्वीरें कॉल सेंटर में भेज सकते हैं। इसके बाद वेटरनरी साइंटिस्ट्स द्वारा किसानों को फोन पर समाधान दिया जाता है। यदि समस्या बड़ी होती है, तो टीम मौके पर जाकर भी सहायता करती है। इस प्रोजेक्ट को सेंट्रल गवर्नमेंट ने भी ओन कर लिया है।
आर्थिक संघर्ष और सफलता की यात्रा
पुषण बताते हैं कि शुरुआत में उन्होंने 20 हजार रुपये का कर्ज दोस्तों से लिया था और इस कर्ज को चुकाने में उन्हें एक साल से अधिक का समय लगा। शुरुआती दिनों में कई मुश्किलें आईं, लेकिन उनके दोस्तों के सहयोग और उनके आत्मविश्वास ने उन्हें कभी हारने नहीं दिया। धीरे-धीरे, उनकी कंपनी ने सफलता की ओर कदम बढ़ाया और आज उन्होंने एक मजबूत ब्रांड स्थापित कर लिया है।
किसानों को ऑर्गेनिक खेती के लिए प्रेरित करना
अभिषेक और पुषण का मुख्य उद्देश्य किसानों को ऑर्गेनिक खेती के लिए प्रेरित करना है। शुरू में किसानों को ऑर्गेनिक खेती के फायदों को समझाना मुश्किल था, क्योंकि वे टेक्निकल बातें नहीं समझते थे और सिर्फ पैसे के बारे में पूछते थे। लेकिन उन्होंने इसे तीन चरणों में तोड़कर किसानों को समझाया कि कैसे वे ऑर्गेनिक खेती से लाभ उठा सकते हैं।
नया इनोवेशन और किसानों का ब्रांड बनाना
अभिषेक बताते हैं कि बिहार में एग्रीकल्चर में रिसर्च का काफी काम हो रहा है, जैसे कि नालंदा कॉलेज में टमाटर की म्यूटेशन तकनीक से नए वैरायटी का निर्माण किया गया है। उन्होंने किसानों को नई तकनीक से जोड़कर उन्हें बेहतर रिटर्न दिलाने का लक्ष्य रखा है। उनका विजन है कि किसान अपने उत्पाद का ब्रांड बनाएं और मार्केट में बेहतर रिटर्न प्राप्त करें। उन्होंने यह भी बताया कि नीलकंठ आलू जैसे नए वैरायटी का निर्माण हुआ है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए भी सुरक्षित है।