Bihar News: भौगोलिक सीमाएं अब ज्ञान की राह में बाधा नहीं रही हैं। इंटरनेट ने दुनिया को इतना जोड़ दिया है कि किसी भी देश का किसान अब कहीं से भी उन्नत कृषि और पशुपालन तकनीकों को सीख सकता है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू), जो भागलपुर के सबौर में स्थित है न केवल भारतीय किसानों को बल्कि विदेशों के किसानों को भी वैज्ञानिक खेती, पशुपालन और पक्षी पालन की आधुनिक तकनीकें सिखा रहा है। खास बात यह है कि इस विश्वविद्यालय से ऑनलाइन प्रशिक्षण लेने वाले विदेशी किसानों में सबसे अधिक संख्या पाकिस्तान के किसानों की है।
यूट्यूब चैनल से हो रही वैश्विक पहुंच
इस उपलब्धि को संभव बनाया है बीएयू के यूट्यूब चैनल ने जिस पर नियमित रूप से खेती, मुर्गी पालन, बटेर पालन और बकरी पालन से जुड़े शिक्षाप्रद वीडियो अपलोड किए जाते हैं। राज्य सरकार द्वारा संचालित इस विश्वविद्यालय का वार्षिक बजट लगभग 620 करोड़ रुपये है। यूट्यूब चैनल के माध्यम से न केवल किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, बल्कि इससे विश्वविद्यालय को कुछ आय भी हो रही है।
यूट्यूब से आय और वैश्विक दर्शक
अब तक इस चैनल को लगभग 4.47 लाख लोगों ने सब्सक्राइब किया है और वीडियो पर कुल 5 करोड़ से अधिक व्यूज आ चुके हैं। विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा विभाग के निदेशक आर.के. सोहाने के अनुसार इस चैनल से अब तक लगभग 12 लाख रुपये की आय हुई है। चैनल के दर्शकों में अमेरिका, इंग्लैंड, पाकिस्तान, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कुवैत और नेपाल जैसे देशों के किसान शामिल हैं। इस चैनल के 90% दर्शक भारत से हैं, जबकि शेष 10% विदेशी दर्शकों में सबसे अधिक संख्या पाकिस्तान के किसानों की है। इसके बाद क्रमशः नेपाल, सऊदी अरब, यूएई, अमेरिका, बांग्लादेश, कुवैत, कतर और इंग्लैंड के दर्शक आते हैं। विश्वविद्यालय अपने यूट्यूब चैनल पर सवाल-जवाब सत्र भी आयोजित करता है, जिससे किसानों को उनकी समस्याओं का समाधान मिल सके।
वैश्विक सोच से कृषि को बढ़ावा
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डी.आर. सिंह का मानना है कि कृषि को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक सोच जरूरी है। उन्होंने कहा, "4.47 लाख से अधिक यूट्यूब दर्शकों के साथ हमारा सवाल-जवाब सत्र, सामुदायिक रेडियो स्टेशन और प्रेरक कृषि उदाहरणों का प्रकाशन, ज्ञान की असमानता को दूर करने का प्रयास है। इसका लाभ न केवल भारत बल्कि अमेरिका, इंग्लैंड और खाड़ी देशों के किसान भी उठा रहे हैं।"
लोकप्रिय वीडियो और शीर्ष शहर
बीएयू के यूट्यूब चैनल पर 546 शॉर्ट वीडियो उपलब्ध हैं, जिनमें से 10 वीडियो अपने सेगमेंट में टॉप ट्रेंड कर रहे हैं। सबसे अधिक देखे जाने वाला वीडियो "लेयर पोल्ट्री फार्म से बदल गई जिंदगी" है, जिसमें मुर्गीपालन की लाभदायक तकनीकों को दर्शाया गया है। अन्य लोकप्रिय वीडियो इस प्रकार हैं- खेती का घाटा मुर्गा पालन ने बदला मुनाफे में, परवल की उन्नत खेती, बटेर पालन, स्ट्रॉबेरी की खेती से बदली तकदीर, बिहार में अनानास की खेती, बकरी पालन, आम के बागीचे का प्रबंधन, धान में कीट-पतंगे का नियंत्रण और बिहार में ड्रैगन फ्रूट की खेती।
यूट्यूब चैनल से होने वाली आय से चलता है विश्वविद्यालय का मीडिया सेंटर
भारत में इस चैनल के सबसे ज्यादा दर्शक पटना से हैं, उसके बाद लखनऊ, पुणे, आगरा, दिल्ली, अहमदाबाद, नागपुर, भुवनेश्वर, मुंबई, गुवाहाटी और बेंगलुरु के किसान इस चैनल से जुड़े हुए हैं। यूट्यूब चैनल से होने वाली आय से विश्वविद्यालय के मीडिया सेंटर को चलाने में मदद मिल रही है। इससे यह स्पष्ट होता है कि डिजिटल माध्यमों का सही उपयोग कर ज्ञान को सीमाओं से परे ले जाया जा सकता है और किसानों की आय को बढ़ाने में योगदान दिया जा सकता है।