BHAGALPUR : बिहार की राजनीति में बयानबाजी का दौर जारी है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का नया सिलसिला देखने को मिल रहा है। हाल ही में लालू यादव ने भाजपा पर हमला बोलते हुए दावा किया था कि उनके रहते भाजपा बिहार में सरकार नहीं बना सकती। इस पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं राजस्व मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि लालू यादव कोई तांत्रिक नहीं हैं, जो जादू-टोना कर भाजपा को रोक सकें।
राजनीति का नया समीकरण?
बिहार की राजनीति में लालू यादव का कद हमेशा से बड़ा रहा है। उनकी राजनीति ने राज्य की दशा और दिशा को दशकों तक प्रभावित किया है। लेकिन दिलीप कुमार जायसवाल के इस बयान के बाद सवाल उठता है कि क्या अब लालू यादव की सियासी पकड़ ढीली हो रही है? भाजपा यह दावा कर रही है कि पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी चल रही है और बिहार में भी जनता भाजपा के साथ खड़ी है।
भाजपा का आत्मविश्वास और विपक्ष की चुनौती
दिलीप कुमार जायसवाल का बयान बताता है कि भाजपा अब बिहार में अपने जनाधार को और मजबूत करने के लिए तैयार है। हाल ही में दिल्ली में हुए चुनावों में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) को भाजपा ने करारा जवाब दिया। इससे पार्टी का मनोबल और बढ़ा है। वहीं, लालू यादव और उनके गठबंधन के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
बिहार की जनता का फैसला क्या होगा?
बिहार की जनता ने हमेशा से सत्ता परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आने वाले चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसके साथ खड़ी होती है—क्या लालू यादव की पकड़ अभी भी मजबूत है, या फिर भाजपा बिहार में अपने वर्चस्व को और आगे बढ़ाने में सफल होगी? राजनीति के इस नए दौर में बयानबाजी और चुनावी रणनीतियों का सिलसिला जारी रहेगा, लेकिन असली फैसला जनता के हाथ में होगा।
भागलपुर से अंजनी कुमार कश्यप की रिपोर्ट