N4N DESK - भ्रामक विज्ञापन के जरिए छात्रों को गुमराह करनेवाले कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने ऐसे 45 कोचिंग सेंटर्स को नोटिस भेजा है। साथ ही 19 कोचिंग संस्थानों पर 61,60,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इस बात की जानकारी केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा ने राज्यसभा में दी है।
उन्होंने बताया कि उपभोक्ता मामलों का विभाग उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा और उन्हें सशक्त बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है। इसके लिए नए कानून भी बनाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में वैश्वीकरण, तकनीक और ई-कॉमर्स के दौर में उपभोक्ता संरक्षण के ढांचे को आधुनिक बनाने के लिए 1986 के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को हटाकर 2019 का उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम लाया गया।
नए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत CCPA यानी केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण बनाया गया है। इसने कोचिंग सेंटर्स के भ्रामक विज्ञापनों पर ऐक्शन लिया है। CCPA ने यह कार्रवाई छात्रों को गुमराह करने वाले विज्ञापनों के खिलाफ की है। वहीं राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन की मदद से 1.15 करोड़ रुपये से अधिक की राशि छात्रों को वापस मिली है।
कोचिंग सेंटर्स को भ्रामक विज्ञापन बनाने से रोकने के लिए CCPA ने 13 नवंबर, 2024 को 'कोचिंग सेक्टर में भ्रामक विज्ञापन की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश, 2024' जारी किए हैं। ये दिशानिर्देश कोचिंग सेंटर्स को झूठे या भ्रामक दावे/विज्ञापन करने और भ्रामक या अनुचित व्यवहार करने से रोकने के लिए हैं।
भ्रामक विज्ञापन बंद रखने का निर्देश
उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए CCPA ने भ्रामक विज्ञापन के लिए विभिन्न कोचिंग सेंटर्स को 45 नोटिस जारी किए हैं। CCPA ने 19 कोचिंग संस्थानों पर 61,60,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। उन्हें भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापार व्यवहार बंद करने का निर्देश दिया है।
क्या है CCPA
2019 के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 10 के तहत CCPA स्थापित किया गया है। इसका काम है उपभोक्ताओं के अधिकारों के उल्लंघन, अनुचित व्यापार और भ्रामक विज्ञापनों को रोकना। ये विज्ञापन जनता और उपभोक्ताओं के हितों के खिलाफ होते हैं। CCPA का मकसद उपभोक्ताओं के अधिकारों को बढ़ावा देना, उनकी रक्षा करना और उन्हें लागू करवाना है।