केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने निजी स्कूलों में प्रैक्टिकल, इंटरनल और प्रोजेक्ट असेसमेंट में हो रही गड़बड़ियों पर कड़ी कार्रवाई की है। अब से निजी स्कूलों को अंक अपलोड करने में पारदर्शिता बनाए रखनी होगी, ताकि छात्रों के रिजल्ट में किसी प्रकार की धांधली न हो सके। सीबीएसई ने 200 से अधिक विषयों की थ्योरी के साथ ही इंटरनल असेसमेंट, प्रैक्टिकल और प्रोजेक्ट असेसमेंट को लेकर अंक देने का एक नया फॉर्मेट स्कूलों को भेजा है। इस फॉर्मेट के अंतर्गत, सभी स्कूलों को अब विषयवार अलग-अलग अंकों को अपलोड करना होगा, जिससे गड़बड़ी की गुंजाइश समाप्त हो जाएगी।
गड़बड़ियों का कारण और बोर्ड की कार्रवाई
पिछले कुछ समय में सीबीएसई को यह जानकारी मिली थी कि कई निजी स्कूल एक ही अंक में प्रैक्टिकल, इंटरनल और प्रोजेक्ट के अंक डाल देते हैं, जिससे रिजल्ट में गड़बड़ी होती है। इस संदर्भ में, बोर्ड ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी विषयों के प्रैक्टिकल और असेसमेंट के अंक अलग-अलग निर्धारित किए गए हैं, और इनका सही तरीके से अपलोड किया जाना अनिवार्य है। यदि किसी स्कूल ने इन तीनों के अंक सभी छात्रों के लिए अपलोड नहीं किए, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सीबीएसई के निर्देश के अनुसार, इंग्लिश इलेक्टिव, हिन्दी इलेक्टिव जैसे विषयों में 80 अंक की थ्योरी और 20 अंक का इंटरनल असेसमेंट होता है, जबकि म्यूजिक जैसे विषय में 30 अंक की थ्योरी, 50 अंक का प्रैक्टिकल और 20 अंक का इंटरनल असेसमेंट निर्धारित किया गया है। इसी तरह, कुछ विषय जैसे इंश्योरेंस और हॉर्टिकल्चर में 60 अंक की थ्योरी और 40 अंक का प्रैक्टिकल होता है।
छात्रों के भविष्य की सुरक्षा
सीबीएसई द्वारा लिए गए इस निर्णय से छात्रों के भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि छात्रों को एक निष्पक्ष परीक्षा का माहौल भी मिलेगा। टेक्नो मिशन स्कूल के प्राचार्य एके लाल ने इस विषय पर अपनी राय रखते हुए कहा कि यह कदम शिक्षा प्रणाली को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल स्कूलों को अनुशासित करने में मदद मिलेगी, बल्कि छात्रों के प्रति न्याय भी सुनिश्चित होगा।
अभिभावकों और छात्रों को मिलेगी राहत
यह निर्णय न केवल छात्रों, बल्कि अभिभावकों के लिए भी राहत की बात है। अब अभिभावक इस बात को लेकर चिंतित नहीं रहेंगे कि उनके बच्चों के अंकों में कोई गड़बड़ी हो रही है। सीबीएसई की इस सख्ती से शिक्षा में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जिससे सभी छात्र एक समान अवसर प्राप्त कर सकेंगे। सीबीएसई की यह नई व्यवस्था निश्चित रूप से शिक्षा प्रणाली को मजबूत करेगी और छात्रों की प्रतिभा को सही तरीके से प्रदर्शित करने में मदद करेगी