MUZAFFARPUR : मुजफ्फरपुर में एक बार फिर प्यार के बीच जब मजहब दीवार बनी तो दोनों प्रेमी युगल ने भागकर शादी रचा ली. अब शादी के बाद जब प्रेमी युगल घर पहुंचे तो बेटी को मिलने के बहाने बुला कर परिजनों ने गायब कर दिया. अब पीड़ित पति अपने पत्नी के बरामदगी को लेकर कोर्ट में गुहार लगाई तो कोर्ट ने पुलिस को लड़की बरामदगी का निर्देश दिया.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि पूरा मामला औराई थाना क्षेत्र के एक गांव का है. जहाँ के रहने वाला लोकेश कुमार अपने ही गांव के रहने वाली शम्मा प्रवीण नामक युवती से प्यार करता था. इसी बीच दोनों की नजदीकिया बढ़ी. लेकिन दोनों के प्यार के बीच मजहब दीवार बन बैठा. लेकिन दोनों ने इस मजहब की दीवार को तोड़ एक दूसरे के साथ भाग कोर्ट में पहुंच हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार शादी रचा ली तो दूसरी तरफ युवती के परिजनों को जब अपनी बेटी के फरार होने की सूचना मिली तो युवती के पिता के द्वारा जिले के गयाघाट थाने में अपनी बेटी के अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करा दी गई. जिसमें कहा गया कि जब वह अपनी पत्नी और बच्ची के साथ पत्नी का इलाज कराने दरभंगा जा रहे थे. तभी जारंग चौक के समीप उनकी पत्नी का तबियत खराब हुआ और वह अपनी पत्नी का दवा लाने गए. इस दौरान उनकी बेटी गाड़ी से गायब हो गई .वही मामले में आवेदन प्राप्त होते ही गयाघाट थाना की पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर कारवाई में जुट गई.
पीड़ित पति के अनुसार लड़की सूरत से हुई फरार
बता दें कि जिले के औराई थाना क्षेत्र के रहने वाले लोकेश कुमार ने बताया कि उनका गांव के ही रहने वाली शम्मा प्रवीण से कई वर्षों से प्रेम प्रसंग चल रहा था. लेकिन दोनों का मजहब अलग अलग होने के कारण परिजन शादी को राजी नहीं थे. इस कारण युवती के परिजनों ने 8 अगस्त को युवती को सूरत मौसी के पास रहने के लिए भेज दिया. जिसके बाद चार महीने से युवती सूरत में अपनी मौसी के यहां रह रही थी. लेकिन दोनों के बीच बातचीत होती रही.
6 दिसंबर को सूरत से युवती युवक के साथ हुई फरार
वही 6 दिसंबर को युवक लोकेश प्लान के अनुसार अपनी प्रेमिका से मिलने सूरत पहुंचा. जिसके बाद दोनो सूरत में मिले और फिर दोनों वही से फरार हो गए और सूरत से फरार होने के बाद दोनो दिल्ली पहुंचे. युवक लोकेश कुमार ने बताया कि सूरत से युवती को लेकर वह दिल्ली पहुंचा. जहां 9 दिसंबर को दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में दोनों ने कोर्ट मैरेज किया. फिर हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार दोनों ने शादी रचा ली और फिर दोनों साथ रहने लगे. शादी के बाद पहले दिल्ली फिर आगरा और फिर पटना होते हुए 16 दिसंबर की रात दोनों पति पत्नी अपने घर पहुंचे.
घर पहुचते ही घर पर पुलिस ने दी दस्तक
लोकेश कुमार ने बताया कि वह शादी करने के बाद जब घूमते हुए अपने पत्नी के साथ 16 दिसंबर को रात तकरीबन 11 बजे अपने घर पहुंचे तो घर पहुंचने के महज एक घंटे के अंदर गयाघाट और औराई थाना की पुलिस ने उनके घर पर दस्तक दी और दोनों को पकड़ थाने ले जाया गया.
17 दिसंबर को लड़की का कोर्ट में बयान हुआ दर्ज
थाने द्वारा बरामद युवती का 17 दिसंबर को गयाघाट थाना की पुलिस ने कोर्ट में बयान दर्ज कराया. जिसमे युवती ने अपने पति के साथ रहने की बात कोर्ट को बताई. चुकी युवती बालिक थी तो कोर्ट ने युवती को अपने पति के साथ जाने का आदेश दिया. वही कोर्ट से आदेश जारी होने के बाद दोनों पति पत्नी अपने घर पहुंचे.
17 दिसंबर को पिता ने बेटी को मिलने के लिए बुलाया
कोर्ट से आदेश जारी होने के बाद जब पति पत्नी साथ रहने लगे तो युवती के माता पिता के द्वारा युवती को फोन कर सीतामढ़ी में मिलने की बात कही गई. जिसके बाद 23 दिसंबर को युवक लोकेश अपनी पत्नी शम्मा प्रवीण को उसके माता पिता से मिलाने के लिए सीतामढ़ी के डुमरा लालू चौक इंडियन पेट्रोल पंप के पास पहुंचा. जिसके कुछ समय बाद युवती के परिजन भी वहां पर पहुंचे और बात होने लगी. इसी बीच युवती के परिजनों के द्वारा जबरन युवती को अपने गाड़ी में बिठा लिया गया और जब तक लोकेश कुछ समझ पाता तब तक सभी लोग वहां से फरार हो गए.
घटना के बाद लोकेश ने डुमरा थाने को दिया आवेदन
वही इस घटना के बाद पीड़ित लोकेश के द्वारा डुमरा थाने की पुलिस को पूरे मामले से अवगत कराते हुए आवेदन दिया गया. लेकिन जब थाने के द्वारा कोई करवाई नहीं की गई तो फिर पीड़ित लोकेश ने सीतामढ़ी एसपी डुमरा थाना मुजफ्फरपुर एसएसपी और डीजीपी को मेल के माध्यम से पूरे मामले से अवगत कराया. साथ ही जिस कोर्ट ने युवती को अपने पति के साथ रहने की इजाजत दी थी. उस कोर्ट से न्याय की गुहार पीड़ित लोकेश ने लगाई. जिसके बाद कोर्ट ने अब गयाघाट थाना के पुलिस को लड़की बरामदगी का आदेश जारी किया है. अब देखना होगा कि जो प्रेमी युगल मजहब की दीवार को तोड़ एक दूसरे के प्यार को पाने के लिए शादी रचा ली क्या अब उन्हें न्याय मिल पाता है यह देखने वाली बात होगी.
मुजफ्फरपुर से मणिभूषण की रिपोर्ट