केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा 10 व 12 की वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी को लेकर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा केंद्रों की व्यवस्था की जांच के साथ ही इस बार छात्रों की निगरानी उच्च स्तरीय सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से की जाएगी। इस कदम से परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है।
सीसीटीवी कैमरों की अनिवार्यता और रिकॉर्डिंग
सीबीएसई ने निर्णय लिया है कि केवल उन्हीं स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा, जिनमें सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हों। इससे पहले, सीसीटीवी कैमरों की आवश्यकता नहीं थी, लेकिन अब इनकी गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। सीसीटीवी कैमरों द्वारा की गई रिकॉर्डिंग परीक्षा परिणामों की घोषणा के दो महीने तक सुरक्षित रखी जाएगी। इसके अलावा, प्रत्येक परीक्षा कक्ष के लिए एक निरीक्षक की नियुक्ति अनिवार्य होगी, जिससे कि परीक्षा में किसी भी प्रकार की धांधली न हो सके।
75 प्रतिशत उपस्थिति की अनिवार्यता
सीबीएसई ने कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए परीक्षा में शामिल होने के लिए 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य कर दी है। यदि कोई छात्र इस मानदंड को पूरा नहीं करता है, तो उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह कदम छात्रों की नियमित पढ़ाई और परीक्षा में सही प्रदर्शन को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
उपस्थिति का रिकॉर्ड रखे जाने के निर्देश
सभी संबद्ध स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे छात्रों की उपस्थिति का रिकॉर्ड नियमित रूप से संधारित करें और इसे सही तरीके से अपडेट करते रहें। इस रजिस्टर पर कक्षा शिक्षक और स्कूल अधिकारियों के हस्ताक्षर अनिवार्य होंगे। जब भी विद्यालय का निरीक्षण किया जाएगा, तब यह रजिस्टर मौके पर उपलब्ध रहना चाहिए, ताकि इसकी सत्यता की जांच की जा सके।
छात्रों और अभिभावकों के लिए महत्वपूर्ण सूचना
सीबीएसई द्वारा जारी किए गए ये नए दिशा-निर्देश छात्रों और अभिभावकों के लिए महत्वपूर्ण हैं। अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों की उपस्थिति की नियमितता पर ध्यान दें और यह सुनिश्चित करें कि वे परीक्षा में बैठने के लिए सभी आवश्यक मानदंडों को पूरा करें। इससे पहले, सीबीएसई ने कई बार परीक्षा प्रक्रिया को सुधारने की दिशा में कदम उठाए हैं, और यह नया निर्णय भी उसी श्रृंखला का हिस्सा है। इससे न केवल परीक्षा की पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि छात्रों के लिए एक बेहतर और निष्पक्ष परीक्षा वातावरण भी सुनिश्चित होगा। बोर्ड ने सभी स्कूलों से अपेक्षा की है कि वे इस दिशा में तुरंत कदम उठाएं और अपने छात्रों को सही जानकारी दें, ताकि कोई भी छात्र परीक्षा से वंचित न हो