नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए गठित सात सदस्यीय समिति ने नीट यूजी परीक्षा में बड़े बदलावों की सिफारिश की है। इसरो के पूर्व प्रमुख डॉ. के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली इस समिति ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय को सौंप दी है। रिपोर्ट में नीट यूजी परीक्षा को दो चरणों में आयोजित करने और हाइब्रिड मोड में कराने के साथ कई अन्य बदलावों का सुझाव दिया गया है। समिति की सिफारिश के अनुसार, नीट यूजी परीक्षा को चरणबद्ध ढंग से आयोजित किया जाना चाहिए, ताकि लाखों छात्रों की परीक्षा का प्रबंधन अधिक सुगम हो सके। इसके अलावा, परीक्षा को ऑनलाइन और हाइब्रिड मोड में आयोजित करने की भी बात कही गई है। उन केंद्रों पर जहां ऑनलाइन परीक्षा संभव नहीं है, वहां पर हाइब्रिड मोड का विकल्प अपनाया जाएगा। हाइब्रिड मोड में प्रश्नपत्र डिजिटल माध्यम से भेजा जाएगा, और छात्र अपने उत्तर ओएमआर शीट पर देंगे। इससे पेपर लीक जैसी घटनाओं पर भी रोक लगाई जा सकेगी।
एनटीए के स्थायी कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने पर जोर
समिति ने यह भी सुझाया है कि एनटीए को परीक्षा के आयोजन के लिए आउटसोर्सिंग पर निर्भर रहने के बजाय अपने स्थायी परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ानी चाहिए। इसके साथ ही, एनटीए को अधिक स्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति करनी चाहिए ताकि परीक्षा प्रक्रियाओं को बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जा सके। वर्तमान में, एनटीए का कार्यक्षेत्र ज्यादातर आउटसोर्सिंग और अनुबंध कर्मियों पर आधारित है, जो कई बार गड़बड़ियों का कारण बनता है।
अटेंप्ट लिमिट और आयु सीमा पर भी विचार
अभी तक नीट यूजी में परीक्षा देने की कोई उम्र सीमा या अटेंप्ट लिमिट नहीं थी, लेकिन समिति ने इस दिशा में भी सुझाव दिए हैं। अटेंप्ट को सीमित करने के सुझाव का उद्देश्य छात्रों पर दबाव को कम करना और परीक्षा की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाना है। इस संबंध में आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. विवेक पांडेय ने आरटीआई दायर कर नीट यूजी 2025 परीक्षा पैटर्न में संभावित बदलावों की जानकारी मांगी थी। एनटीए ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि 2025 की नीट यूजी परीक्षा में बदलावों पर विचार किया जा रहा है। एनटीए ने इस दिशा में ठोस कदम उठाने का संकेत दिया है, ताकि आने वाले वर्षों में परीक्षा प्रक्रियाओं में सुधार लाया जा सके।
नीट यूजी 2025: नए बदलाव से खत्म होंगी गड़बड़ियां?
गौरतलब है कि 2024 में एनटीए की कई परीक्षाएं विवादों में रहीं। नीट यूजी पेपर लीक से लेकर यूजीसी नेट पेपर लीक और सीयूईटी में नकल जैसी घटनाओं के कारण एनटीए को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट तक इन मुद्दों की शिकायत पहुंची, और एनटीए अध्यक्ष में भी बदलाव करना पड़ा। अब, इन गड़बड़ियों से सबक लेते हुए एनटीए ने 2025 की परीक्षाओं में सुधार का निर्णय लिया है।