PATNA - बिहार के सरकारी स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र को लेकर शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। नए शैक्षणिक सत्र से बिहार के 31 हजार 297 मध्य विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा लागू किया जाएगा। बिहार में यह पहली बार होगा प्रारंभिक विद्यालय स्तर पर लागू होने जा रही कंप्यूटर शिक्षा को एक विषय के रूप में भी पाठ्यक्रम में रखा जाएगा। साथ ही कंप्यूटर के बेसिक नॉलेज पर आधारित किताबें भी बच्चों को उपलब्ध कराई जाएंगी। इस संबंध में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ.एस. सिद्धार्थ ने प्राथमिक शिक्षा निदेशालय को निर्देश दिया है।
बता दें कि शिक्षा विभाग की कोशिश है कि ऑनलाइन शिक्षा की पहुंच अब सिर्फ शहरी या इंटरनेट की उपलब्धता वाले कस्बाई क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि इसकी पहुंच अब सभी दूरदराज क्षेत्रों तक पहुंचाने की है। इसे ध्यान में रखते हुए भी कंप्यूटर शिक्षा संबंधी पाठ्यक्रम को बच्चों से जोड़ने का फैसला लिया गया है। शिक्षा विभाग द्वारा प्रारंभिक विद्यालयों में बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु बजट में भी राशि का प्रविधान किया जा रहा है।
वर्तमान में बिहार सरकार द्वारा राज्य के सभी 9,430 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा लागू है जिसे एक विषय के रूप में पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है। इस विषय से संबंधित किताबें राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद ने तैयार और प्रकाशित की है, जो विद्यार्थियों को उपलब्ध कराई जा रही हैं।
कंप्यूटर शिक्षा के लिए शिक्षा विभाग की यह है प्लानिंग
- बच्चों को सिखाने के लिए कंप्यूटर शिक्षक और एक्सपर्ट भी रखे जाएंगे
- मध्य विद्यालयों में बच्चों को कंप्यूटर सिखाने के लिए शिक्षक और एक्सपर्ट भी रखे जाएंगे।
- शिक्षा विभाग के मुताबिक पहले चरण में छठी, सातवीं और आठवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को कंप्यूटर शिक्षा दी जाएगी।
- इसके बाद दूसरे चरण में तीसरी, चौथी और पांचवीं कक्षा के बच्चों को कंप्यूटर के बारे में बेसिक ज्ञान दिया जाएगा।
- दूसरे चरण में सभी 40,566 प्राथमिक विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा को लागू किया जाएगा।
- इस प्रकार राज्य के सभी 71 हजार 863 प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के बच्चे भी माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, एमएस ऑफिस, एक्सेल और पावर पाइंट सहित अन्य विषयों की तकनीकी शिक्षा हासिल कर सकेंगे।
- बच्चों को विद्यालयों में कंप्यूटर की शिक्षा देने के लिए मानदेय पर एक्सपर्ट भी रखे जाएंगे। इस प्रकार राज्य के विद्यालयों में एक करोड़ से ज्यादा बच्चे कंप्यूटर शिक्षा का लाभ उठा सकेंगे।