बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

पटना में ASI ने खुद के कनपटी में मारी गोली! पिता का दावा- 'छठ में छुट्टी न मिलने से था परेशान'

मृतक एएसआई के पिता विनोद सिंह ने कहा, वह 2007 में एक कांस्टेबल के रूप में भर्ती हुए थे और इस साल की शुरुआत में पदोन्नत हुए थे।

 पटना में ASI ने  खुद के कनपटी में मारी गोली! पिता का दावा- 'छठ में छुट्टी न मिलने से था परेशान'
पटना में ASI ने किया सुसाइड- फोटो : ai generated

Patna Police officer suicide: पटना (Patna) में शनिवार (2 नवंबर) तड़के एक पुलिस अधिकारी (Police officer) ने अपनी सर्विस पिस्तौल से कथित तौर पर खुद को गोली मार ली। पुलिस अधीक्षक (केंद्रीय) स्वीटी सहरावत के अनुसार, मृतक अजीत कुमार भोजपुर जिले के निवासी थे। वो बिहार की राजधानी में एक अतिरिक्त उप-निरीक्षक के रूप में तैनात थे। मृतक शहर के गांधी मैदान इलाके में पुलिस कर्मियों के लिए बने बैरक में रहता था। 


बताया जाता है कि उन्होंने सुबह करीब 5 बजे खुद को गोली मार ली। उसके सिर में गोली का निशान है। एक खोखा भी बरामद हुआ है। सुसाइड 90 एमएम पिस्टल से किया गया है। मौके पर एफएसएल घटनास्थल का निरीक्षण कर रही है। पुलिस अधीक्षक (केंद्रीय) स्वीटी सहरावत ने कहा, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। घटनास्थल से पिस्तौल जब्त कर ली गई है, जहां हमें एक खाली कारतूस भी मिला है। उन्होंने कहा कि आगे की जांच के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों को लगाया गया है। घटना की सूचना मिलने पर पहुंचे मृतक एएसआई के पिता विनोद सिंह ने आरोप लगाया कि अगले सप्ताह होने वाले छठ उत्सव के लिए छुट्टी नहीं मिलने के कारण उनका बेटा तनाव में था। 


2007 में कांस्टेबल के पद पर हुए थे काबिज

मृतक एएसआई के पिता विनोद सिंह ने कहा, वह 2007 में एक कांस्टेबल के रूप में भर्ती हुए थे और इस साल की शुरुआत में पदोन्नत हुए थे। जब सहरावत का ध्यान शोक संतप्त माता-पिता के आरोप की ओर आकर्षित किया गया, तो उन्होंने कहा, हम परिवार के सभी सदस्यों से बात करेंगे और तदनुसार मामले की जांच करेंगे।

 

मृतक पुलिस अफसर को 3 बार मिल चुका था सम्मान

मृतक के एक रिश्तेदार ने कहा कि चाचा से मेरी कल ही मुलाकात हुई थी।उनका प्रमोशन हो चुका था, लेकिन थाने में पोस्टिंग नहीं हो रही थी। वो छुट्टी को लेकर मानसिक तनाव में थे। उन्हें पहले बेहतर काम किए थे. इसलिए उन्हें तीन बार सम्मानित किया जा चुका था।

Editor's Picks