Bihar News: पटना सदर की पूर्व डीसीएलआर मैत्री सिंह 22 अक्टूबर को तबादले के बाद भी 255 दाखिल-खारिज अभिलेखों का निष्पादन बैकडेट में किया। इतना ही नहीं, स्थानांतरण के बाद भी वह सरकारी दस्तावेज अपने साथ ले गईं।
पटना सदर की पूर्व जिला भू-अधिग्रहण पदाधिकारी मैत्री सिंह भ्रष्टाचार के आरोप में घिर गई हैं। 22 अक्टूबर को तबादले के बाद भी उन्होंने 255 दाखिल-खारिज के अभिलेखों का निष्पादन बैकडेट में किया और कई सरकारी दस्तावेज अपने साथ ले गईं।
पटना के जिलाधिकारी (डीएम) के निर्देश पर हुई जांच में पता चला कि मैत्री सिंह कार्यालय से 700 से अधिक फाइलें गायब कर चुकी थीं। बाद में उन्होंने 255 फाइलें लौटा दीं, लेकिन 451 फाइलें अभी भी लापता हैं। इन फाइलों में भी बैकडेट में आदेश पारित किए जाने की आशंका है।
इससे पहले, डीएम के जनता दरबार में कई लोगों ने शिकायत की थी कि मैत्री सिंह के दलाल दाखिल-खारिज के लिए पैसे लेकर बैकडेट में काम करवाने का दबाव बना रहे हैं।
जांच में यह भी पता चला है कि कार्यालय से कंप्यूटर, प्रिंटर और अन्य उपकरण भी गायब हैं।डीएम ने मैत्री सिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। मैत्री सिंह वर्तमान में विश्वविद्यालय सेवा आयोग में विशेष कार्य पदाधिकारी के पद पर तैनात हैं।
यह पहली बार नहीं है जब पटना में किसी डीसीएलआर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। पिछले साल भी दानापुर के डीसीएलआर को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था।
पटना में डीसीएलआर कार्यालय में भ्रष्टाचार का यह मामला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है।