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भोजपुर में फर्जी प्रमाण पत्र से नौकरी करने वाले दो शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज, की जाएगी कड़ी कार्रवाई, जानें पूरा मामला

भोजपुर जिले में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वाले 400 से अधिक शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। इनमें से कई शिक्षकों को नौकरी से हटा दिया गया है।

भोजपुर में फर्जी प्रमाण पत्र से नौकरी करने वाले दो शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज, की जाएगी कड़ी कार्रवाई, जानें पूरा मामला
फर्जी प्रमाण पत्र से शिक्षकों की नौकरी का मामला- फोटो : freepik

Bihar Teacher News: भोजपुर जिले के तरारी और जगदीशपुर प्रखंड क्षेत्र में कार्यरत दो शिक्षकों पर फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने का आरोप है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई निगरानी इंस्पेक्टर अरुण पासवान द्वारा की गई।

शिक्षकों पर लगे आरोप

कुमारी सुनीता (तरारी प्रखंड) के शिक्षक पर आरोप लगे हैं। वो प्रखंड नियोजित शिक्षिका, उत्क्रमित मध्य विद्यालय पनपुरा में कार्यरत। उन पर आरोप है कि 2006 में पंचायत शिक्षक के रूप में नियोजन के दौरान फर्जी मैट्रिक प्रमाण पत्र का इस्तेमाल। प्रमाण पत्र हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग इलाहाबाद बोर्ड का बताया गया था। जांच में बोर्ड ने प्रमाण पत्र को फर्जी घोषित किया।

संजय चौधरी (जगदीशपुर प्रखंड) शिक्षक पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने 2007 में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना का फर्जी प्रमाण पत्र देकर नौकरी हासिल की। संजय चौधरी भोजपुर जिले के उदवंतनगर गजराजगंज थाना क्षेत्र के निवासी हैं। उन पर आरोप लगने के बाद जांच में कार्रवाई के दौरान निगरानी इंस्पेक्टर को दोनों शिक्षकों के खिलाफ फर्जी प्रमाण पत्र के ठोस सबूत मिले। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि इस षड्यंत्र में अन्य अज्ञात लोग भी शामिल हो सकते हैं। फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति में शामिल लोगों की जांच और कानूनी कार्रवाई जारी है।

फर्जी शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई

भोजपुर जिले में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वाले 400 से अधिक शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। इनमें से कई शिक्षकों को नौकरी से हटा दिया गया है। कुछ शिक्षक ऊपरी न्यायालय में न्याय की गुहार लगा रहे हैं।लगभग 300 शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की निगरानी जांच जारी है।शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों के प्रमाण पत्रों को निगरानी को सौंप दिया है। जैसे ही फर्जीवाड़े का प्रमाण मिलता है, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है।

पृष्ठभूमि

2000 के दशक में भोजपुर जिले में बड़े पैमाने पर फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर शिक्षकों की बहाली हुई।इस दौरान फर्जी प्रमाण पत्रों का उपयोग कर शिक्षकों ने नौकरी प्राप्त की।निगरानी जांच के दौरान इस बड़े घोटाले का पर्दाफाश हो रहा है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की सख्त कार्रवाई से जिले में फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है।


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