Bihar Big Land Byer: आयकर विभाग की सूचना और आपराधिक अन्वेषण इकाई ने पटना जिले के रजिस्ट्रेशन कार्यालय का निरीक्षण किया तो हड़कंप मच गया। आयकर अधिकारियों की एक टीम ने कार्यालय में सभी दस्तावेजों की जांच की। अधिकारियों नें 2021-22 से 2023-24 के बीच तीन वर्षों में भूमि रजिस्ट्रेशन की निर्धारित न्यूनतम सरकारी मूल्य (एमवीआर) 30 लाख रुपये या उससे अधिक मूल्य की भूमि के संबंध में विस्तृत जानकारी एकत्र की गई। इस श्रेणी में शामिल व्यक्तियों की संख्या 5200 से अधिक है। आयकर विभाग ने इन सभी की सूची अपने साथ ले ली है। इनकी उचित तरीके से जांच की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन भूमि की खरीद का सही स्रोत क्या है। इन 5200 भूमि की खरीद का कुल मूल्य 4000 करोड़ रुपये से अधिक है।
आयकर विभाग की टीम ने पटना के निबंधन कार्यालय की हार्ड ड्राइव से सभी डेटा को कॉपी कर लिया है। इसकी गहन जांच के बाद उन व्यक्तियों की संख्या में वृद्धि हो सकती है, जिन्होंने सही जानकारी नहीं दी है। यह भी पता लगाया जाएगा कि निबंधन कार्यालय ने कितने वर्षों से आयकर विभाग को सही आंकड़े प्रदान नहीं किए हैं और किस प्रकार से भूमि खरीदारों की जानकारी को छिपाया गया है। सभी डेटा का सत्यापन किया जा रहा है।
नियम के अनुसार निबंधन कार्यालय को 30 लाख रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति के निबंधन की जानकारी आयकर विभाग को प्रदान करनी होती है। हालांकि, निबंधन कार्यालय अक्सर इन सूचनाओं को छिपाने का कार्य करता है। यदि कुछ सूचनाएं प्रदान की भी जाती हैं, तो उनमें पैन संख्या गलत होती है या अन्य जानकारियां सही नहीं होती हैं। इस कारण से संबंधित व्यक्तियों का पता लगाना कठिन हो जाता है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, आयकर विभाग की विशेष टीम ने एक सर्वेक्षण किया है। इस दौरान व्यापक स्तर पर अनियमितताएं पाई गई हैं। इसे देखते हुए, आयकर विभाग निबंधन कार्यालय पर लाखों रुपये का जुर्माना लगाने की संभावना है। वर्तमान में पूरे मामले की जांच जारी है, जिसके बाद आयकर विभाग आगे की कार्रवाई करेगा।