Bihar Police : बिहार कैडर के 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी विनय कुमार डीजीपी बनते ही सूबे के लॉ एंड ऑडर को दुरुस्त करने खातिर एक्शन मोड में आ गए हैं। पटना स्थित पुलिस मुख्यालय में अब देर रात तक अधिकारी मीटिंग कर रहे हैं। सरदार पटेल भवन में डीजीपी खुद सीनियर पुलिस अधिकारियों के साथ लागतार बैठक कर रहे हैं। राज्य में क्राइम कंट्रोल को लेकर नए-नए असरदार और कारगर उपाय भी बता रहे हैं।
साथ ही अधिकारियों से क्राइम कंट्रोल के लिए आइडिया और सुझाव भी मांग रहे हैं। माना जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में बिहार में मर्डर, रंगदारी, शराब तस्करी, लूट, रेप और गैंगरेप जैसे अपराधों को लेकर बेहद सख्त एक्शन शुरू होने वाला है। इसी का खाका तैयार किया जा रहा है। इसी बीच महकमे में बड़े फेरबदल की भी तैयारी कवायद भी शुरू हो गई है।
संगठित गिरोहों और आदतन अपराधियों के खिलाफ कारगर और त्वरित एक्शन खातिर के जाने जाने वाले केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे बिहार कैडर के 1994 बैच के तेज-तर्रार आईपीएस अधिकारी कुंदन कृष्णन को पुलिस मुख्यालय का नया अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) बनाया गया। साथ ही साथ 6 दिसंबर 2024 को एडीजी मुख्यालय को एक और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई। राज्य पुलिस की विशेष कार्य बल (एसटीएफ) अब उन्हें ही रिपोर्ट करेगी। पहले डीजीपी को किया करती थी। इस बाबत बिहार पुलिस मुख्यालय, कार्मिक एवं कल्याण विभाग की ओर से नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया।
जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि एसटीएफ की कार्य क्षमता, गुणवत्ता को मजबूत करने के लिए और सरकार द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण निर्देशों को अविलंब लागू करने के लिए एडीजी मुख्यालय को एसटीएफ रिपोर्ट करेगी। साथ ही एडीजी मुख्यालय ही एसटीएफ को अपना निर्देश और सुझाव भी देंगे। साथ ही एसटीएफ के कार्यों की मॉनिटरिंग भी एडीजी मुख्यालय करेंगे। एसटीएफ की स्थापना संबंधी फाइल को छोड़कर सभी फाइलें एडीजी मुख्यालय के माध्यम से डीजीपी को जाएंगी।
पटना में छह साल बाद एनकाउंटर
इस आदेश के पारित होते ही यानी ADG कुंदन कृष्णन के एसटीएफ की कमान संभालते ही अति दुः साहसी इंटरस्टेट बैंक लुटेरे और गिरोहबाज मोस्ट वांटेड अजय राय उर्फ काका को विशेष कार्य बल द्वारा 6 साल के लंबे अंतराल के बाद राजधानी पटना में हुए मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। इस एनकाउंटर की गूंज अपराध जगत में बहुत गहरे सुनी गई। न केवल अपराधियों बल्कि माफियाओं में भी खौफ जारी हो गया है। गैंगस्टरों, बाहुबलियों और कानून तोड़ने वाले आपराधिक गिरोहों में कुंदन कृष्णन के नाम का कायम डर पुनः एक बार व्याप्त हो गया है।
थर्रा उठते हैं बदमाश
कुंदन कृष्णन 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और पटना समेत कई जिलों के एसपी रह चुके हैं। 2005 में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद बाहुबलियों के खिलाफ की गई कार्रवाई में आईपीएस कुंदन कृष्णन की अहम भूमिका रही थी। अपराधियों के बीच खौफ था और है। साल 2002 की बात है जब छपरा जेल में करीब 1200 कैदियों ने उत्पात मचाया था। इस दौरान कैदियों ने जेल पर कब्जा कर लिया था और पुलिस पर पथराव और फायरिंग कर रहे थे। उस समय कुंदन कृष्णन सारण जिले के एसपी थे। कैदियों के उत्पात की जानकारी मिलते ही वह कैदियों से लोहा लेने के लिए AK-47 लेकर वहां पहुंच गए. इस दौरान सारण पुलिस की कार्रवाई में पांच कैदी मारे गए थे। इस तरह के एक्शन का ही असर है कि आईपीएस कुंदन कृष्णन का नाम सुनते ही बदमाशों की हालत खराब हो जाती है।
एडीजी (अभियान) का होगा तबादला
राजधानी पटना एनकाउंटर के बाद अपराधियों के बीच छाए खौफ के बीच राज्य पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की कमान आशिक रूप से संभाल रहे कुंदन कृष्णन को जल्द ही एसटीएफ की पूरी कमान सौंपने की तैयारी है। विश्वस्त सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार खरमास खत्म होने के बाद यानी जनवरी 2025 में वर्तमान में एडीजी (अभियान) 1998 बैच के आईपीएस अमृत राज का तबादला कर दिया जाएगा। यानी एसटीएफ की कमान पूरी तरह से अपराधियों के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस के नीति और अपने जबरदस्त नेटवर्क खातिर अतिचर्चित कड़क मिजाज कुंदन कृष्णन को सौंप दिया जायेगा।
कुलदीप भारद्वाज की रिपोर्ट