Bihar minister vijay chaudhary: बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से दिल्ली में मुलाकात की। इस दौरान उनके साथ जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा भी मौजूद थे। चौधरी ने वित्त मंत्री को एक पत्र सौंपा, जिसमें बिहार में बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई परियोजनाओं के लिए 6650.33 करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूरी देने का अनुरोध किया।
बिहार में बाढ़ की स्थिति और सरकार की चिंता
27 से 30 सितंबर 2024 के बीच नेपाल में भारी वर्षा हुई, जिससे गंडक, बागमती, कोशी और महानंदा जैसी नदियों का जल स्तर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। तटबंधों के ऊपर से पानी बहने और जल संग्रहण क्षमता कम होने के कारण स्थिति चिंताजनक हो गई। जलवायु परिवर्तन और अत्यधिक वर्षा। नदियों में गाद जमा होने से जल संग्रहण क्षमता में कमी की वजह से बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है।
Shri Vijay Kumar Chaudhary (@VijayKChy), Minister of Water Resources and Parliamentary Affairs - Govt of Bihar, and Shri Sanjay Kumar Jha (@SanjayJhaBihar), Hon'ble MP (RS), call on Smt @nsitharaman at Parliament House. pic.twitter.com/GZUVwwDog7
— Nirmala Sitharaman Office (@nsitharamanoffc) December 18, 2024
प्रस्तावित योजनाएं और बजट की मांग
रीवर मैनेजमेंट इन बॉर्डर एरिया (RMBA)
प्रस्तावित बजट: 2147.58 करोड़ रुपये।
उद्देश्य: सीमावर्ती क्षेत्रों में नदी प्रबंधन और तटबंधों की मजबूती।
बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम (FMP)
प्रस्तावित बजट: 4502.75 करोड़ रुपये।
उद्देश्य: बाढ़ नियंत्रण, तटबंधों के उच्चीकरण और चौड़ीकरण।
वित्त मंत्री के बजट भाषण का संदर्भ
2024-25 के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री ने घोषणा की थी कि बिहार को बाढ़ प्रबंधन और सिंचाई परियोजनाओं के लिए 11500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। अब तक कुल 6650.33 करोड़ रुपये की योजनाओं के डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को सौंपी जा चुकी है।
जल संसाधन मंत्री का अनुरोध
विजय चौधरी ने इन योजनाओं को प्रथम चरण में स्वीकृत करने का अनुरोध किया।समय पर कार्यान्वयन से राज्य की जनसंख्या और जानमाल को बाढ़ के प्रभाव से बचाया जा सकेगा।
बाढ़ नियंत्रण के महत्व पर जोर
चौधरी ने कहा कि तटबंधों के उच्चीकरण, चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण के लिए धनराशि बेहद जरूरी है।नदियों में गाद जमाव और जलवायु परिवर्तन के कारण स्थिति और बिगड़ने की संभावना है। त्वरित कदम उठाने से भविष्य में बाढ़ से होने वाले नुकसान को रोका जा सकेगा।