Bihar News : "तहरा राजाजी के दिलवा टूट जाई", शिक्षक बनने से पहले छात्राओं ने भोजपुरी गानों पर जमकर लगाया ठुमका, वीडियो वायरल

Bihar News : तहरा राजाजी के दिलवा टूट जाई. शिक्षिका बनने से पहले छात्राओं ने भोजपुरी गाने पर जमकर ठुमका लगाया.....पढ़िए आगे

Bihar News : "तहरा राजाजी के दिलवा टूट जाई", शिक्षक बनने से
भोजपुरी गाने पर ठुमका - फोटो : MANOJ

GAYAJI : गयाजी के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET पंचायती अखाड़ा GAYA) में सत्र 2023-25 में डीएलएड शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षूओं को अंतिम सत्र की कामयाबी का विदाई समारोह में अश्लीलता की सारी हदें पार कर दी गई। डीजे के साथ फुहड़ गानों का रासलीला प्राचार्य अजय कुमार शुक्ला के मौजूदगी में आयोजित किया गया। जब यही प्रशिक्षण लेकर शिक्षक बनेंगे तो विद्यालय में बच्चों के साथ कैसा पाठ पढ़ाएंगे? आप खुद जरा देखें कि अभी शिक्षक बनने से पहले ही लोग डीजे के धुन पर फूहड़  गानों पर महिला पर प्रशिक्षूओं को साड़ी पहनकर अश्लीलता परोस रहे हैं। शिक्षा के मंदिर में प्रशिक्षण शिक्षा का अलग जगाने का ले रहे हैं ना की डांस क्लब में डांस का प्रशिक्षण ले रहे हैं? प्रशिक्षण प्राप्त कर रहीं लड़कियों को साड़ी पहननाकर मंच पे नचवाया गया और गाना था- 'ये मैडम तोहर नींबू खरबूजा भईल' वहां के प्रशिक्षण दे रहे शिक्षक भी डांस करते देखे गए। यह विदाई समारोह 26 जूलाई 2025 को DIET GAYA में चल रहा था।

आइए देखते कि DIET क्या है। क्यों जरूरी है शिक्षण प्रशिक्षण अनुसंधान संस्थान निर्माण करने की? जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान (DIET) भारत में जिला स्तर पर स्थापित एक सरकारी शिक्षक शिक्षा संस्थान है. इसका मुख्य उद्देश्य प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है, जिसके लिए यह शिक्षकों और शैक्षिक प्रशासकों को प्रशिक्षण, संसाधन और सहायता प्रदान करता है। DIET, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (1986) के तहत स्थापित किए गए थे। DIET शिक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान करता है और शिक्षकों को अनुसंधान के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे शिक्षण विधियों में सुधार हो सके। अच्छी और बेहतर गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा विकसित करने के इरादे से इस अनुसंधान संस्थान का निर्माण किया गया। ताकि समय-समय पर शिक्षकों को बेहतर से और बेहतर किया जा सके, जिससे भारत के बच्चों का भविष्य निखारा जाय। बच्चे देश के भविष्य होते हैं। 

डीएलएड. (D.El.Ed) का मतलब है डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन। यह एक दो वर्षीय पूर्णकालिक डिप्लोमा कोर्स है जो प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों (कक्षा 1 से 8) में शिक्षक बनने के इच्छुक लोगों के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह कोर्स, जिसे पहले बीटीसी के नाम से जाना जाता था, शिक्षण के विभिन्न पहलुओं, जैसे बाल मनोविज्ञान, शिक्षण विधियों, और शिक्षक की भूमिका पर केंद्रित है। इस अनुसंधान केन्द्र में एक प्रशिक्षण संस्थान में DIET के प्राचार्य अजय शुक्ला के द्वारा स्टेज प्रोग्राम एक बार बालाओं के तरह कराया गया। इससे साबित होता है कि उनकी सोच कैसी है। यह प्रोग्राम पूरे गया जिला को शर्मसार कर रहा है। गंदी-गंदी और भद्दे भद्दे गानों के साथ विदाई समारोह में अजय शुक्ला की  सोच ने शिक्षा का मंदिर को तहस-नहस कर दिया। इसी संस्थान में विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को भी प्रशिक्षण पहले से चलता रहा है, और कल 28 जुलाई से प्रशिक्षण दिया जाना है। कल से उनके पांच दिवसीय प्रशिक्षण भी होना है। इस रंगारंग कार्यक्रम से महसूस हो रहा है कि शिक्षकों को क्या प्रशिक्षण दिया जाएगा।

क्या इस प्रशिक्षण संस्थान में यही आशा लेकर शिक्षक प्रशिक्षण करते हैं कि बच्चों को भी इसी गंदे-गंदे गानों के साथ स्टेज प्रोग्राम करवाया जाय। क्या यही सब करने के लिए यहां सिखाया जाता है। विदाई समारोह में शिक्षक जो पल  पांच दिवसीय प्रशिक्षण में प्राप्त किया। वह अपने विचार रखते हैं जो प्रशिक्षु डीएलएड का प्रशिक्षण प्राप्त किए। उनसे यह कहा जाता है कि आपने 2 सालों में क्या अनुभव किया? क्या सीखा? अगर आप शिक्षक बनेंगे आने वाले समय में तो क्या-क्या बच्चों के बीच जाकर रखेंगे। सभी प्रशिक्षूओं को अंतिम समय में अपने अपने विचार प्रकट करना होता है। ना कि स्टेज प्रोग्राम घटिया सोच और घटिया मानसिकता? विडियो में साफ देखा जा सकता है काले लिबास और काला चश्मा पहने प्रशिक्षक महोदय भी कमर तोड़ डांस कर रहे हैं।

गया से मनोज की रिपोर्ट