Gaya Ji Lighting Strike: बिहार में बदले मौसम का कहर! वज्रपात और दीवार गिरने से गया जी में 3 की मौत, कई घायल
Gaya Ji Lighting Strike: बिहार के गया जी जिले में आंधी, बारिश और वज्रपात से दीवार ढहने और ठनका गिरने के कारण तीन लोगों की मौत हो गई। हादसों में कई घायल हुए हैं। पढ़ें पूरी जानकारी।

Gaya Ji Lighting Strike: बिहार में मई महीने के मध्य में ही मौसम ने ऐसा मिजाज बदला कि लोगों की जान पर बन आई। गया जिले में शनिवार को तेज आंधी, बारिश और वज्रपात ने तबाही मचा दी। एक ओर जहां ठनका गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई, वहीं दो घटनाओं में दीवार गिरने से दो अन्य लोगों की जान चली गई। इन दर्दनाक घटनाओं ने राज्य में मौसम की आपदा को फिर से चर्चा में ला दिया है।
गुरुआ में दीवार गिरने से मासूम की मौत: खेलते वक्त दबे बच्चे
गया जी के गुरुआ थाना क्षेत्र के सिद्धार्थपुर गांव में तीन मासूम बच्चे खेल रहे थे। तभी अचानक आई तेज बारिश और आंधी से बचने के लिए वे पास की एक कच्ची दीवार के नीचे खड़े हो गए।लेकिन यह दीवार उनकी शरण नहीं बन सकी। अचानक दीवार गिर गई और तीनों बच्चे उसके मलबे में दब गए।10 वर्षीय रंजीत कुमार, जो उपेंद्र मांझी का बेटा था, की मौके पर ही मौत हो गई।वहीं अर्जुन कुमार (7 वर्ष) और विकास कुमार (6 वर्ष) गंभीर रूप से घायल हो गए।परिवार और गांव वाले इस हादसे से सदमे में हैं।
फर्नीचर दुकानदार की दर्दनाक मौत: उपरडीह में फिर गिरी दीवार
गया जी के उपरडीह मोहल्ले में एक और हादसा हुआ जब 50 वर्षीय रामुदित शर्मा, जो पेशे से फर्नीचर दुकानदार थे, एक गढ़ की पुरानी दीवार के ढह जाने से गंभीर रूप से घायल हो गए। उनके साथ शेरपुर गांव के वतन मेधावी भी घायल हुए। रामुदित शर्मा को गुरुआ से मगध मेडिकल कॉलेज गया रेफर किया गया लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। उनका निधन गया में खराब होती सुरक्षा व्यवस्था और जर्जर संरचनाओं पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
वज्रपात बना मौत का कारण: बालू मजदूर की हुई मौत
गया जी के आमस थाना क्षेत्र के महुआवां मोरहर नदी बालू घाट पर एक दर्दनाक हादसा हुआ जब मजदूर सूरज कुमार पर आकाशीय बिजली गिर गई। सूरज ट्रैक्टर पर बालू लोड कर रहा था जब यह हादसा हुआ। वह मगध विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के औरा गांव का रहने वाला था और पिछले पांच वर्षों से अपने ससुराल में रहकर मजदूरी कर रहा था। ठनका गिरते ही सूरज बुरी तरह झुलस गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत सूचना दी और परिवार को बुलाया।
प्रशासन की तैयारी और चेतावनी: क्यों चूक रही है सुरक्षा?
बार-बार आने वाली ऐसी घटनाएं यह सवाल उठाती हैं कि बिहार में आपदा प्रबंधन प्रणाली कितना प्रभावी है। ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी पुरानी, असुरक्षित दीवारें मौजूद हैं जो बच्चों के लिए मौत का कारण बन रही हैं।वहीं आकाशीय बिजली से बचाव के लिए पर्याप्त जनजागरूकता और तकनीकी उपाय भी दिखाई नहीं देते। मौसम विभाग ने पहले ही आंधी, बारिश और वज्रपात को लेकर अलर्ट जारी किया था, लेकिन जमीनी स्तर पर उसका असर नजर नहीं आया।