Bihar Teacher: रफीगंज के सरकारी शिक्षक ने 273 किमी दूर जमशेदपुर से बनाई उपस्थिति, शिक्षा विभाग इस तरह से पकड़ ली गलती, अब मंडराया नौकरी जाने का खतरा

Bihar Teacher: रफीगंज के एक शिक्षक द्वारा जमशेदपुर से ई-शिक्षा कोष ऐप के माध्यम से उपस्थिति बनाने का मामला सामने आया है। शिक्षा विभाग ने इसे अनुशासनहीनता माना और 24 घंटे में जवाब मांगा है।

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सरकारी टीचर की होशियारी पड़ी भारी!- फोटो : social media

Bihar Teacher: बिहार सरकार की तरफ से सरकारी विद्यालयों में डिजिटल उपस्थिति प्रणाली को सशक्त बनाने के उद्देश्य से ई-शिक्षा कोष एप की शुरुआत की गई थी। इस प्रणाली का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि शिक्षक विद्यालय परिसर से ही अपनी उपस्थिति दर्ज करें। लेकिन रफीगंज के रानी ब्रजराज इंटर विद्यालय से सामने आया मामला इस प्रणाली की खामियों और मानव लापरवाही की मिलीजुली कहानी बयां करता है।

शिक्षक ने 273 किमी दूर से बनाई उपस्थिति

शिक्षक भुवन कुमार गुप्ता पर आरोप है कि उन्होंने 5 और 19 मई 2025 को अपनी उपस्थिति झारखंड के जमशेदपुर से दर्ज की, जो उनके विद्यालय से लगभग 273 किलोमीटर दूर है।उन्होंने 'मार्क ऑन ड्यूटी' विकल्प का उपयोग करते हुए यह दिखाने की कोशिश की कि वे किसी विभागीय कार्य में नियुक्त हैं, लेकिन जांच में ऐसी कोई नियुक्ति न पाई गई। इस मामले को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (प्राथमिक शिक्षा एवं समग्र शिक्षा) ने गंभीरता से लिया है।

क्या कहता है सरकारी नियम?

ई-शिक्षा कोष में उपस्थिति के लिए दिशा-निर्देश कहते हैं कि विद्यालय परिसर से ही उपस्थिति दर्ज करनी अनिवार्य है। अगर शिक्षक किसी प्रशिक्षण या विभागीय कार्य में नियुक्त हैं, तो उन्हें संबंधित स्थल से ही "मार्क ऑन ड्यूटी" विकल्प चुनना होता है।गलत लोकेशन से उपस्थिति दर्ज करना धोखाधड़ी और अनुशासनहीनता माना जाएगा।

24 घंटे में मांगा गया स्पष्टीकरण

डीपीओ ने इस कृत्य को स्पष्ट रूप से सरकारी सेवा में लापरवाही और अनुशासनहीनता करार दिया है। उन्होंने शिक्षक से 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है कि: आखिर वे जमशेदपुर में क्या कर रहे थे?उनकी उपस्थिति को मार्क ऑन ड्यूटी कैसे माना जाए?यह काम क्यों विभागीय कदाचार और धोखाधड़ी की श्रेणी में न लाया जाए?प्रशासन ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि स्पष्टीकरण के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

ऐसे मामले पहले भी आए हैं सामने

यह कोई पहला मामला नहीं है। ई-शिक्षा कोष एप का लोकेशन बाईपास कर उपस्थिति दर्ज करने की घटनाएं पहले भी विभिन्न जिलों में सामने आ चुकी हैं। लेकिन इस बार शिक्षक द्वारा राज्य की सीमा पार कर दूसरे राज्य से उपस्थिति दर्ज करना एक गंभीर अनुशासनिक उल्लंघन माना जा रहा है।