Bihar News : आईआईएम बोधगया ने ट्रेनी डीएसपी के लिए एमडीपी का किया आयोजन, प्रभावी पुलिसिंग के लिए दिए गए कई टिप्स

GAYA : आईआईएम बोधगया ने 1 अप्रैल से 12 अप्रैल, 2025 तक दो चरणों में बिहार पुलिस अकादमी से 38 डी एस पी परिवीक्षाधीन अधिकारियों के लिए एक प्रबंधन विकास कार्यक्रम (एमडीपी) का संचालन किया। यह कार्यक्रम बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के माध्यम से चयनित नवनियुक्त अधिकारियों को उभरते प्रशासनिक परिदृश्य में प्रभावी पुलिसिंग के लिए आवश्यक प्रमुख प्रबंधन, नेतृत्व और व्यवहारिक दक्षताओं से लैस करने के लिए तैयार किया गया था।
आईआईएम बोधगया कि निदेशक डॉ विनीता एस सहाय के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। डॉ सहाय ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने तथा सामुदायिक विश्वास बनाने में डी एस पी की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कानून प्रवर्तन में नैतिक निर्णय लेने, समयबद्ध नेतृत्व और अंतर-विभागीय समन्वय के बढ़ते महत्व पर बात की। यह एमडीपी एग्जीक्यूटिव एजुकेशन एवं कंसल्टेंसी के चेयरपर्सन, डॉ अमित श्रीवास्तव की निगरानी में आयोजित, डॉ विशाल अशोक वानखेड़े और प्रो सजन पुकोकोदन द्वारा समन्वित किया गया था। कार्यक्रम में कक्षा सत्र, आकलन और क्षेत्र के दौरे शामिल थे। संकाय सदस्यों ने लक्ष्य निर्धारण, निर्णय लेने, नेतृत्व, संकट संचार, डेटा उपयोग और सोशल मीडिया जैसे विषयों को कवर किया।आईआईएम बोधगया परिसर में कार्यक्रम का पहला चरण 1 अप्रैल से 5 अप्रैल, 2025 तक आयोजित किया गया और इसमें समय प्रबंधन, संकट नेतृत्व, मानव व्यवहार, सहयोग और मीडिया संचार पर सत्र शामिल रहे। अधिकारियों ने विष्णुपद मंदिर और महाबोधि मंदिर का भी दौरा किया, तथा विरासत और लौटाव को सहानुभूति, अनुशासन और नैतिक नेतृत्व जैसे मूल्यों से जोड़ा।बिहार पुलिस अकादमी, राजगीर में कार्यक्रम का दूसरा चरण 7 अप्रैल से 12 अप्रैल, 2025 तक आयोजित किया गया। जिसमे सार्वजनिक सेवा, बजट, नागरिक सेवा वितरण, गुणवत्ता प्रबंधन और व्यवहार अंतर्दृष्टि में नैतिकता पर सत्र शामिल रहे। इसका समापन हितधारक सहभागिता, सार्वजनिक कार्यक्रम प्रोटोटाइपिंग और विचार-मंथन अभ्यास पर सत्रों के साथ हुआ।
इस एमडीपी में बिहार पुलिस अकादमी के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया, जिसमें बिहार पुलिस अकादमी के असिस्टेंट डायरेक्टर आईपीएस सुशील कुमार शामिल थे। जिन्होंने उद्घाटन सत्र में भाग लिया था। उन्होंने क्षमता निर्माण के लिए कार्यक्रम की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला और कहा कि बिहार पुलिस बल में सक्रिय और समुदाय-उन्मुख अधिकारियों को विकसित करने के लिए संरचित प्रशिक्षण आवश्यक है। यह एमडीपी आईआईएम बोध गया द्वारा आयोजित मौजूदा शैक्षणिक वर्ष में 125 में से एक था, जिसके माध्यम से डब्ल्यूआरडी, बिपार्ड, बिहार फायर ट्रेनिंग एकेडमी, स्टेट हेल्थ सोसाइटी बिहार, आईओसीएल, एचपीसीएल, पंचायती राज मंत्रालय, बामेटी और औद्योगिक विकास निदेशालय सहित विभिन्न विभागों के 8,200 से अधिक अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है। यह कार्यक्रम आईआईएम बोधगया का भारत के प्रशासनिक और पोलिसिंग पारिस्थितिकी तंत्र में भविष्य के लिए तैयार नेतृत्व को पोषित करने के प्रति समर्पण की पुष्टि करता है।
गया से संतोष की रिपोर्ट