Bihar News: आयुष्मान कार्ड का लाभ लेने के लिए राशन कार्ड बनाने की होड़ मची हुई है। पटना जिले में 93,000 से अधिक राशन कार्ड निष्क्रिय (डिसएबल्ड) हो गए हैं क्योंकि लोग कार्ड बनवाने के बावजूद नियमित रूप से राशन नहीं उठा रहे। सबसे अधिक निष्क्रिय राशन कार्ड पटना सदर और बाढ़ अनुमंडल क्षेत्रों में पाए गए हैं। डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने सभी अनुमंडल अधिकारियों को निष्क्रिय राशन कार्ड की जांच के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों को सक्रिय और निष्क्रिय राशन कार्ड की स्थिति की विस्तृत समीक्षा करने को कहा गया है।
पात्रता के बावजूद हो रहे आवेदन
नए राशन कार्ड बनाने के लिए बड़ी संख्या में लोग आवेदन कर रहे हैं, लेकिन 30% से अधिक आवेदक पात्र नहीं हैं। इनमें कई ऐसे लोग शामिल हैं, जो मध्यम वर्गीय परिवारों से हैं, नियमित आय वाले हैं, और इनकम टैक्स भी जमा करते हैं। उन्हें राशन की आवश्यकता नहीं है, लेकिन आयुष्मान कार्ड का लाभ उठाने के लिए राशन कार्ड बनवाने की कोशिश कर रहे हैं। जिले में 10,000 से अधिक राशन कार्ड के आवेदन पेंडिंग हैं, जिनमें से 50% आवेदनों का समय सीमा बीतने के बावजूद निष्पादन नहीं हो सका है।
आधार सीडिंग की प्रगति
97.23% राशन कार्ड आधार से जुड़े हुए हैं। जिले में अब भी 2.77% राशन कार्ड आधार से टैग नहीं हैं। आधार सीडिंग के मामले में पटना राज्य के शीर्ष 5 जिलों में शामिल है। डीएम ने आधार सीडिंग प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए हैं।
जनवितरण प्रणाली में अनियमितताएं
नवंबर में 2,880 जनवितरण प्रणाली की दुकानों में से 1,002 की जांच की गई। इसमें 53 दुकानों में अनियमितताएं पाई गईं।
33 दुकानों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
15 एसएफसी गोदामों की जांच में गड़बड़ी पाई गई, जिसमें एक गोदाम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। डीएम ने डोर-स्टेप डिलीवरी में लापरवाही बरतने वाली एजेंसियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
आगे की कार्रवाई
डीएम ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को आपूर्ति व्यवस्था की समीक्षा करने और राशन कार्ड की निष्क्रियता पर रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया है। वहीं, नए राशन कार्ड आवेदनों की जांच में पात्रता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।