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Bihar Teacher News: राज्यकर्मी बनते ही दूसरे दिन शिक्षक के साथ हो गया खेला, 18000 शिक्षकों के साथ भी होगा ऐसा, 12 हजार के साथ सिर्फ 2 वर्ष बाद...

Bihar Teacher News: अनीता कुमारी ने बताया कि उन्होंने 60 साल की आयु पूरी करने के बाद 31 दिसंबर 2024 को सेवानिवृत्ति पाई। दुख की बात यह रही कि 2024 में सक्षमता वन की परीक्षा पास करने के बावजूद वह एक भी दिन विशिष्ट शिक्षक के रूप में कार्य नहीं कर पाई

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teacher retired just a day after receiving the joining letter- फोटो : social media

Bihar Teacher News:  बिहार के  जमुई जिले में एक शिक्षिका  के साथ बड़ा खेला हो गया। जब शिक्षिका विशिष्ट शिक्षक बनने के एक दिन पहले ही रिटायर्ड हो गई। दरअसल, जमुई के खैरा प्रखंड में कार्यरत नियोजित शिक्षिका अनीता कुमारी अपने सेवानिवृत्ति के दिन असमंजस में रहीं। ज्वाइनिंग लेटर मिलने के ठीक एक दिन बाद और विद्यालय में योगदान देने से एक दिन पहले ही वह सेवानिवृत्त हो गईं। इस स्थिति के कारण उन्हें विशिष्ट शिक्षक बनने का कोई लाभ नहीं मिल सका।

60 वर्ष की आयु पूरी, सेवा का अंत

अनीता कुमारी ने बताया कि उन्होंने 60 साल की आयु पूरी करने के बाद 31 दिसंबर 2024 को सेवानिवृत्ति पाई। दुख की बात यह रही कि 2024 में सक्षमता वन की परीक्षा पास करने के बावजूद वह एक भी दिन विशिष्ट शिक्षक के रूप में कार्य नहीं कर पाईं। उनका परीक्षा परिणाम कई महीने पहले ही प्रकाशित हो चुका था, लेकिन विभागीय प्रक्रिया में देरी से उनकी यह उपलब्धि व्यर्थ चली गई।

नियुक्ति पत्र मिलने के बाद भी नहीं कर पाईं योगदान

अनीता कुमारी ने 6 मार्च 2014 को प्लस टू उच्च विद्यालय शोभाखान, खैरा में संस्कृत की शिक्षिका के रूप में सेवा शुरू की थी। उन्होंने सक्षमता वन परीक्षा पास करने के बाद 30 दिसंबर 2024 को विशिष्ट शिक्षक के रूप में नियुक्ति पत्र प्राप्त किया। नई नियुक्ति के अनुसार उन्हें 1 जनवरी 2025 से 7 जनवरी 2025 के बीच योगदान देना था। लेकिन 31 दिसंबर 2024 को 60 वर्ष की आयु पूरी होने के कारण वह सेवानिवृत्त हो गईं।

नियमानुसार सेवा समाप्त

प्लस टू उच्च विद्यालय शोभाखान के प्रधानाध्यापक निर्भय कुमार ने बताया कि विभागीय नियमानुसार 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने के बाद शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाती है। मंगलवार को अनीता कुमारी को एक समारोह में सम्मानपूर्वक विदाई दी गई।

विशिष्ट शिक्षक बनने का अवसर गंवा

खैरा के बीईओ महेश कुमार के अनुसार, अनीता कुमारी ने सक्षमता वन की परीक्षा पास कर विशिष्ट शिक्षक नियमावली के तहत नियुक्ति पत्र प्राप्त किया था। लेकिन विद्यालय में योगदान देने से पहले ही सेवानिवृत्ति के कारण वह इस पद का लाभ नहीं उठा सकीं। इस घटना ने विभागीय प्रक्रियाओं और नियुक्ति पत्र जारी करने की समयसीमा पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिससे शिक्षकों को उनका अधिकार समय पर मिल सके।

इन शिक्षकों के साथ भी होगा खेला 

गौरतलब हो कि हमने विगत दिन ही आपको इस बात से अवगत कराया था कि राज्य के करीब 12 हजार शिक्षक 2 साल में रिटायर हो जाएंगे। तो वहीं  18 हजार शिक्षक  राजकर्मी तो बनेंगे लेकिन प्रमोशन नहीं ले पाएंगे। इसका पहला उदाहऱण आपके सामने है। शिक्षिका अनीता कुमारी ने सक्षमता परीक्षा दी उन्होंने परीक्षा पास कर विशिष्ठ शिक्षक का दर्जा भी हासिल की लेकिन विशिष्ट शिक्षक बनने से एक दिन पहले ही वो रिटायर्ड हो  गई। ऐसे ही कई शिक्षकों के साथ यह घटना घटेगी। कोई शिक्षक 2 वर्षों में रिटायर्ड होने वाले हैं तो कई शिक्षक 3 माह तो कई शिक्षक 1 साल में रिटायर्ड होने वाले हैं। इन शिक्षकों से साथ शिक्षा विभाग ने बड़ा खेला कर दिया है। शिक्षक लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। 

राज्यकर्मी बनकर भी नहीं उठा सकेंगे लाभ

दरअसल, बिहार सरकार का फैसला 10 से 18 साल तक पढ़ाने वाले लगभग 1.87 लाख शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देना, शिक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह फैसला शिक्षकों को कई तरह के लाभ देगा जैसे कि महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता, चिकित्सा भत्ता, शहरी परिवहन भत्ता आदि। साथ ही, उन्हें समय-समय पर वेतन और भत्तों में संशोधन का लाभ भी मिलेगा। लेकिन इस फैसले के साथ कुछ चुनौतियाँ भी जुड़ी हुई हैं। दरअसल, राज्यकर्मी का दर्जा पाने वाले 12 हजार शिक्षक 2 वर्ष में रिटायर हो जाएंगे। करीब 100 शिक्षक तो ऐसे हैं जिनका कार्यकाल अगले साल जुलाई यानी जुलाई 2025 में खत्म होने वाला है। ऐसे में माना जा रहा है कि राज्यकर्मी बनने के बाद भी ऐसे शिक्षक कई वेतन बढ़ने के सहित कई सुविधाओं से वंचित रह जाएंगे।  

12 हजार शिक्षक 2 साल में हो जाएंगे रिटायर

इसमें सबसे बड़ी समस्या यह है कि शिक्षकों के पहले के अनुभव को नए सिरे से शुरू माना जा रहा है। इसका मतलब है कि उन शिक्षकों को, जो जल्द ही रिटायर होने वाले हैं, प्रमोशन का लाभ नहीं मिल पाएगा क्योंकि प्रमोशन के लिए न्यूनतम 3 साल का अनुभव होना जरूरी है। ऐसे में  माना जा रहा है कि राज्य के करीब 12 हजार शिक्षक बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो जाएंगे। जिन शिक्षकों का रिटायरमेंट जल्द है, उन्हें राज्यकर्मी के रूप में मिलने वाले सभी लाभों का पूरा लाभ नहीं मिल पाएगा। ट्रांसफर के मामले में भी कुछ अस्पष्टताएं हैं। कुछ शिक्षकों का मानना है कि पेंशन में कटौती कम होने से रिटायरमेंट के बाद उन्हें कम पैसा मिलेगा।

शिक्षकों की मांग

दरअसल, राज्यकर्मी का दर्जा मिलने के बाद से शिक्षकों की नियुक्ति नई मानी जा रही है। ऐसे में शिक्षकों के पहले के अनुभव की गिनती शुन्य हो जा रही है। ऐसे में शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं।  शिक्षक चाहते हैं कि उनके पहले के अनुभव को भी नए पद पर गिना जाए ताकि उन्हें प्रमोशन और अन्य लाभ मिल सकें।  शिक्षकों का कहना है कि प्रधानाचार्य पद के लिए नियुक्ति के दौरान अनुभव की गिनती भी की गई थी। इसी तरह से आईटीआई परीक्षा में उप प्राचार्य के पदों पर नियुक्ति के लिए भी अनुभव की गिनती की गई है। ऐसे में राज्यकर्मी का दर्जा देने के दौरान शिक्षकों के भी अनुभव की गिनती की जाए। 

सरकार का पक्ष

सरकार का कहना है कि सभी शिक्षकों को राज्यकर्मी के रूप में सभी सुविधाएं दी जाएंगी। दरअसल यह फैसला शिक्षकों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन इसमें कुछ कमियां भी हैं। ऐसे में माना जा रहा कि सरकार को शिक्षकों की मांगों पर गौर करते हुए उनके अनुभव को भी गिनने पर विचार करना चाहिए। साथ ही, रिटायरमेंट के करीब शिक्षकों के लिए विशेष प्रावधान किए जाने चाहिए ताकि उन्हें भी इस फैसले का पूरा लाभ मिल सके।

राज्यकर्मी बनने के बाद क्या फायदा होगा

राज्यकर्मी बनने के बाद शिक्षकों को महंगाई भत्ता, मकान, किराया भत्ता, चिकित्सा भत्ता, शहरी परिवहन भत्ता भी मिलेगा। समय-समय पर बेतन, भत्तों में संशोधन का लाभ मिलेगा। हर वर्ष बोनस, एरियर भी मिलेगा। इसके साथ ही 8 वर्ष की अवधि के बाद शिक्षकों की प्रोत्रति भी हो सकती है। डीईओ शिक्षकों को स्थानांतरित कर सकते हैं। पहले प्राथमिक शिक्षकों कक्षा को 25000 रुपए मूल वेतन मिलता था। मकान किराया भत्ता, चिकित्सा भत्ता, और शहरी परिवहन भत्ता भी मिलता था। जो लगभग 32 हजार के आसपास होता था। अब राज्यकर्मी बनते ही 1 से 5वीं क्लास तक के प्राथमिक शिक्षकों का मूल वेतन तो 25 हजार रुपए ही रहेगा। लेकिन नियोजित शिक्षकों को सकल वेतन के रूप में 44130 रुपए मिलेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि 42% डीए मिलेगा जो 10,500 रुपए होगा। 816 आवासीय भत्ता मिलेगा, जो मूल वेतन का 2 हजार रुपए होगा। सीटीए के रूप में 2130 रुपए मिलेंगे। मेडिकल मद में 1000 हजार रुपए मिलेगा। पेंशन फंड में 3500 रुपए जाएंगे।

कम समय तक राज्यकर्मी रहे शिक्षकों को नुकसान होगा

जिन शिक्षकों का कार्यकाल कम हैं उन्हें राज्यकर्मी बनने के बाद भी नुकासन होगा क्योंकि पेंशन में कटौती कम और रिटायरमेंट के बाद कम पैसा मिलेगा। इन शिक्षकों की पदोन्नति भी नहीं हो सकेगी क्यों इसके लिए 8 वर्ष का सेवा होना जरुरी है। इनका वेतन भी एक बार ही बढ़ेगा। ऐसे शिक्षकों का कहना है कि उन्हें राजकर्मी बनने की खुशी तो है लेकिन इस बात का अफसोस भी है कि उनकी रिटायरमेंट जल्द हो जाएगी।  

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