Darbhanga news: दरभंगा के कादिराबाद स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर में स्थित तारामंडल को पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है। इस योजना के अंतर्गत तारामंडल परिसर में 'दरभंगा हाट' स्थापित किया जाएगा, जो मिथिला की सांस्कृतिक धरोहर और कला को प्रदर्शित करेगा। इसके अलावा, परिसर में साइंस पार्क और एक्ज़ीबिशन हॉल भी बनाया जाएगा। इस परियोजना के लिए बिहार सरकार ने 164.31 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी है, जिससे इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।
तारामंडल के विकास के लिए बढ़ी पहल
तारामंडल ने 19 महीनों में ही दो लाख से अधिक दर्शकों को आकर्षित किया है, जो इस क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाओं को दर्शाता है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार और संबंधित विभाग ने तारामंडल परिसर को और भी आकर्षक बनाने की योजना पर काम शुरू किया है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य तारामंडल को ज्ञानवर्धक और मनोरंजन स्थल के साथ-साथ एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना है।
'दरभंगा हाट' और साइंस पार्क की स्थापना
तारामंडल परिसर में 'दरभंगा हाट' का निर्माण किया जाएगा, जो स्थानीय कला, शिल्प और व्यापार को बढ़ावा देगा। यह हाट 'मधुबनी हाट' की तर्ज पर तैयार किया जाएगा, जहाँ स्थानीय कलाकार अपनी कला और संस्कृति का प्रदर्शन कर सकेंगे। इसके साथ ही, एक साइंस पार्क और एक्ज़ीबिशन हॉल का भी निर्माण किया जाएगा, जो बच्चों और विज्ञान प्रेमियों के लिए एक ज्ञानवर्धक अनुभव साबित होगा।
भूमि विस्तार और विकास कार्य
इस परियोजना के तहत तारामंडल के विकास के लिए 0.88 एकड़ अतिरिक्त भूमि आवंटित की गई है। पहले से ही तीन एकड़ में फैले तारामंडल के आस-पास के क्षेत्र का विकास किया जाएगा, जिससे यह और भी सुविधाजनक और आकर्षक पर्यटन स्थल बन सके। परियोजना निदेशक डॉ. अनंत कुमार के नेतृत्व में इस योजना पर काम शुरू हो चुका है, और स्थानीय स्तर पर भी तैयारियां की जा रही हैं।
आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण पहल
दरभंगा और इसके आस-पास के क्षेत्रों के लिए यह परियोजना आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। 'दरभंगा हाट' जैसी पहल से न केवल स्थानीय कलाकारों और शिल्पकारों को मंच मिलेगा, बल्कि इस क्षेत्र के पर्यटन को भी नई दिशा मिलेगी। यह परियोजना क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है।