Bihar Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर में नगर निगम की 160 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की जमीन पर अवैध कब्जा तेजी से बढ़ रहा है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों, जैसे दामूचक, मिठनपुरा, चंदवारा, धर्मशाला, जूरन छपरा, कालीबाड़ी, और सादपुरा सहित 40 से अधिक जगहों पर कुल आठ एकड़ से ज्यादा भूमि पर अतिक्रमण हो चुका है।
मुख्य तथ्य और चिंताएं
जमीन का प्रकार: प्रमुख इलाकों से लेकर नदी किनारे तक की जमीन पर अतिक्रमण है। इनमें मकानों और अस्थायी निर्माणों की भरमार है।
अवैध निर्माण: फरदो आउटर नाला और सिकंदरपुर स्लुईस गेट जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में भी मकान बनाए जा चुके हैं।
अतिक्रमण हटाने के प्रयास और असफलताएं
कागजी कार्रवाई: बीते दो वर्षों में निगम ने कुछ क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाने की कोशिशें कीं, लेकिन ये केवल नोटिस तक सीमित रहीं।
सुव्यवस्थित योजना का अभाव: निगम ने दामूचक क्षेत्र में आवास, मार्केट कॉम्प्लेक्स, पार्किंग आदि के लिए भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद, बजटीय प्रावधान के बावजूद, चहारदीवारी का निर्माण नहीं हो सका।
अतिक्रमण की स्थिति (इलाकावार विवरण)
इलाका कब्जा की गई जमीन
पुरानी बाजार 3 बीघा
चंदवारा 2 एकड़
गुदरी रोड 2 एकड़
दामूचक 6 कट्ठा
मिठनपुरा 2 कट्ठा
जूरन छपरा 3 कट्ठा
धर्मशाला 6 कट्ठा
माड़ीपुर 2 कट्ठा
कालीबाड़ी 4 कट्ठा
सादपुरा 3 कट्ठा
भविष्य की चुनौतियां
राज्य में चल रहे भूमि सर्वेक्षण के दौरान अगर कोई फर्जीवाड़ा कर जमीन को अपने नाम दर्ज करा लेता है, तो उसे वापस पाना निगम के लिए और मुश्किल हो जाएगा।
निगम की योजना
अवैध कब्जा हटाने और जमीन की घेराबंदी के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है। खाता और खेसरा नंबर के आधार पर जमीन की पहचान कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। खाली जमीनों को सूचीबद्ध कर रोक सूची में डाला जाएगा। अधिकारियों का बयान
"सभी रिकॉर्ड्स की जांच के बाद जमीनों को चिन्हित कर रोक सूची में डाला जाएगा। अवैध कब्जा हटाकर घेराबंदी की जाएगी।"
– सोनू कुमार राय, उप नगर आयुक्त