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Success Story Of IAS UPSC Topper: सफलता का मिसाल पेश करती नालंदा की बेटी, 9 घंटे के प्राइवेट जॉब करते हुए क्रैक किया UPSC का एग्जाम, बन गई IAS अफसर

श्वेता भारती की सफलता की कहानी एक मिसाल है कि समय का सही उपयोग, कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास से हर मंजिल पाई जा सकती है।

बिहार की छोरी ने किया कमाल!
बिहार की छोरी ने किया कमाल!- फोटो : social media

Success Story Of IAS UPSC Topper:  बॉलीवुड के किंग खान कहे जाने वाला शाहरुख खान की साल 2007 में एक मूवी आई थी, जिसका नाम था ओम शांति ओम। उस फिल्म का एक डयलॉग आज भी लोगों को याद है, जिसमें वो कहते हैं अगर किसी चीज को शिद्दत से चाहों तो सारी कायनात उसे तुमको मिलाने की कोशिश में जुट जाती है। ठीक इसी डायलॉग को कड़ी मेहनत और संकल्प के दम पर बिहार स्थित नालंदा की एक लड़की ने पूरा कर दिया है। इसका अद्भुत उदाहरण बिहार की श्वेता भारती हैं, जिन्होंने 9 घंटे की प्राइवेट नौकरी, रात में पढ़ाई और बिना किसी कोचिंग के अपने आईएएस बनने के सपने को पूरा किया। श्वेता की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो समय का प्रबंधन नहीं कर पाते।

पढ़ाई में हमेशा से रही अव्वल

श्वेता का पढ़ाई में शुरू से ही प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है। उन्होंने अपनी 12वीं की पढ़ाई पटना के ईशान इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल से की, जहां वह अपनी कक्षा की टॉपर रही। इसके बाद उन्होंने भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल और टेलीकम्युनिकेशन में डिग्री हासिल की। उनकी मेहनत और प्रतिभा के बल पर उन्हें बैंगलोर में विप्रो कंपनी में नौकरी मिल गई।

नौकरी के साथ पढ़ाई का कठिन सफर

हालांकि श्वेता को इंजीनियरिंग के बाद अच्छी नौकरी मिल गई थी, लेकिन उनका सपना आईएएस बनने का था। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उन्हें नौकरी करनी पड़ी, लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई कभी नहीं छोड़ी। 9 घंटे की ऑफिस की शिफ्ट के बाद भी वह अपनी पढ़ाई में जुटी रहती थीं। उनका यह समर्पण ही था कि उन्होंने बीपीएससी और फिर यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षाओं में सफलता हासिल की।

पहले बीपीएससी और फिर यूपीएससी में सफलता

श्वेता ने 65वीं बीपीएससी परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करते हुए डीपीओ (जिला कार्यक्रम पदाधिकारी) का पद हासिल किया। लेकिन उनका सपना केवल यहीं तक सीमित नहीं था। उनका जुनून था आईएएस बनने का, और इसी जुनून ने उन्हें 2021 की यूपीएससी परीक्षा में 356वीं रैंक दिलाई। अब श्वेता आईएएस बनकर देश सेवा कर रही हैं और वर्तमान में भागलपुर में असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं।

श्वेता की कहानी से मिलने वाली प्रेरणा

श्वेता की यह कहानी उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो सोचते हैं कि नौकरी के साथ पढ़ाई संभव नहीं है या समय की कमी के कारण अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाते। श्वेता ने यह साबित कर दिखाया कि अगर इच्छाशक्ति और मेहनत हो, तो कोई भी सपना असंभव नहीं है।

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