PATNA : बिहार राजस्व सेवा संघ (बिरसा) ने आज राज्य भर में 'ब्लैक डे का आयोजन किया, जिसमें राजस्व अधिकारियों और कर्मियों ने काली पट्टी बांधकर वैशाली के जिलाधिकारी के प्रतिशोधात्मक और अपमानजनक व्यवहार का विरोध किया। संघ ने जिलाधिकारी के इस रवैये को "ब्रिटिश कालीन मानसिकता का परिचायक बताया, जो अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अधिकारियों और कर्मचारियों को डराने-धमकाने तथा अपमानित करने के अनुचित कृल्यों में संलिप्त हैं।
संघ के अनुसार, वैशाली के राजस्व अधिकारियों ने सम्मानजनक कार्य वातावरण की मांग को लेकर जिलाधिकारी से संवाद स्थापित करने का प्रयास किया था, लेकिन जिलाधिकारी ने इसे प्रतिशोध की भावना से देखा और अधिकारियों के खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी। प्रपत्र 'क' भरने का दबाव, निलंबन की धमकी, तथा गिरफ्तारी की आशंका के चलते अधिकारी और कर्मचारी भयभीत हो गए हैं, जिससे उनके कार्य में अवरोध उत्पन्न हो रहा है। संघ ने इस स्थिति में वैशाली के अपने साथियों के साथ मजबूती से खड़े रहने का संकल्प किया है और इसी उद्देश्य से आज पूरे राज्य में सभी अंचल अधिकारी, राजस्व अधिकारी, और कर्मी काली पट्टी बांधकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। संघ जिलाधिकारी के स्थानांतरण की मांग को लेकर पूरी दृढ़ता से खड़ा रहेगा और किसी भी प्रकार की प्रतिशोधात्मक या दमनात्मक कार्यवाही का सामना करने के लिए अपने साथियों को पूरा समर्थन देगा।
संघ ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव, और राजस्व मंत्री से अपील की है कि ये इस मामले में हस्तक्षेप करें, ताकि राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके कार्यस्थल पर एक सम्मानजनक और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध हो सके। साथ ही, संघ ने यह मांग भी उठाई है कि राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके कार्यभार के अनुसार उचित वर्क-लाइफ बैलेंस और वैज्ञानिक कार्य वितरण हेतु समर्थन दिया जाए।
राजस्व सेवा से जुड़े अधिकारियों का आरोप है कि वैशाली के जिलाधिकारी मीटिंग में अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हैं। 25 अक्टूबर को राजस्व संबंधी बैठक में वैशाली के जिलाधिकारी के द्वारा अंचल अधिकारी, राजस्व अधिकारी एवं कर्मियों के प्रति अपमानजनक एवं अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया। बैठक में अधिकारियों एवं कर्मियों के लिए चोर, हरामी जैसे अपमानजनक शब्दों का प्रयोग वैशाली डीएम ने किया है। विरोध में राजस्व सेवा के अधिकारी वैशाली जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए। राजस्व सेवा के अधिकारियों ने डीएम पर गंभीर आरोप लगाए। हालांकि वैशाली जिला प्रशासन ने इस तरह के आरोपों को गलत करार दिया। वैशाली जिला प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि 25 अक्टूबर को इस प्रकार की कोई भी घटना घटित नहीं हुई है।