PATNA : बिहार में बिजली वितरण कंपनियां अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से अपनी संचालन क्षमता में सुधार लाने और एग्रीगेट टेक्निकल एंड कमर्शियल लॉस को कम करने की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है। साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने एआई आधारित पायलट प्रोजेक्ट के लिए बिजली टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ करार किया जाएगा। इस पहल के तहत 12 महीने की अवधि में 1 लाख उपभोक्ताओं को लक्षित किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट का पूरा खर्च रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन द्वारा वहन किया जा रहा है। यह परियोजना ऑपरेशनल एफिशिएंसी बढ़ाने, राजस्व सृजन में सुधार, विद्युत मांग व आपूर्ति प्रबंधन (डिमांड साइड मैनेजमेंट), बिजली चौरी को कम करने और उपभोक्ताओं को उन्नत सेवाएं प्रदान करने में सहायक साबित होगी।
इसके पहले, इस प्रोजेक्ट के तहत नॉर्थ और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के 1-1 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के डेटा का अध्ययन किया गया। तौल महीने के इस पायलट अध्ययन में एआई तकनीक के माध्यम से मीटर रीडिंग का विश्लेषण किया गया। इस दौरान बिजली चोरी, मीटर के साथ छेड़छाड जैसे मामलों का खुलासा हुआ, जिससे दोनों डिस्कॉम को वित्तीय लाभ प्राप्त हुआ।
एसबीपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक महेंद्र कुमार ने बताया कि इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य वितरण प्रणाली को और अधिक कुशल बनाना है। तकनीक न केवल बिजली चोरी जैसे मामलों को उजागर करने में मदद करेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को बेहतर और समयबद्ध सेवाएं भी उपलब्ध कराएगी। राज्य के बिजली क्षेत्र में यह प्रोजेक्ट एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, जिससे राज्य में वितरण क्षेत्र में लॉस को कम कर बेहतर उपभोक्ता सेवा प्रदान की जा सकेगी। पंकज कुमार पाल, सचिव ऊर्जा विभाग ने बताया कि इस पहल से न केवल वितरण कम्पनियों को लाभ होगा बल्कि राज्य के उपभोक्ताओं को भी अपने ऊर्जा प्रबंधन में सहायता मिलेगी।
ज्ञात हो कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा 7 जुलाई 2022 को पावरथॉन-2022 की शुरुजात की गई। यह पहल रिवाम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत तकनीकी समाधान प्रदाताओं को जोड़ने के लिए शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य बिजली वितरण क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान करना है। इस योजना के तहत ही उपरोक्त पायलट प्रोजेक्ट हेतु देश की दो बिजली वितरण कंपनियों में से बिहार की वितरण कंपनी एसबीपीडीसीएल का भी चयन किया गया है।