Bihar News: पटना हाई कोर्ट ने अपराधिक छवि वाले न्यासियों को तत्काल प्रभाव से बड़ी देवी जी के प्रबंध न्यास समिति से हटाने का निर्देश दिया है।जस्टिस राजीव रॉय ने प्रहलाद कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया ।
कोर्ट ने आगे से बोर्ड के किसी भी धार्मिक न्यास की समिति के सदस्य बनाने हेतु केवल उन्हीं लोगों के नाम पर विचार करेगी, जो संबंधित जिले के डीएम और अनुमंडल अधिकारी अखबार में प्रकाशित विज्ञापन पर आये ईक्षुक नागरिक के अपराधिक इतिहास की पड़ताल करने के बाद बोर्ड को योग्य व्यक्तियों के नामों की अनुशंसा करेंगे ।
कोर्ट ने पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार को आदेश दिया था कि पटना के डीएम रिपोर्ट हलफ़नामा दायर कर समिति के सदस्यों की आपराधिक इतिहास प्रस्तुत करें।
इसे पढ़ने के बाद कोर्ट ने टिप्पणी की कि आपराधिक छवि वाले सदस्यों के कारण धार्मिक न्यास की बदनामी होती है।याचिकाकर्ता, जो इसका सदस्य भी है,समिति दो आपराधिक मामलों में आरोपी है।
मालसलामी पी.एस. 2012 और मालसलामी का केस नंबर 16पी.एस. 2012 का केस नंबर 19 में।एक अन्य सदस्य अतनु साहा के खिलाफ समिति ने फिर से यह पाया है कि वह मालसलामी थाने में तीन आपराधिक मामलों में आरोपी केस नंबर 07, 1994, मालसलामी थाना. केस नंबर 166 2011 का और मालसलामी पी.एस. केस नंबर 382/2022 में है।
कोर्ट ने टिप्पणी की कि बिहार राज्य से बार-बार अनुरोध/निर्देश के बावजूद धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्यों के नाम मिलेंगे.इसके बाद अखबार में विज्ञापन के माध्यम से समिति का चयन किया गया।जिसकी जाँच स्थानीय प्रशासन/पुलिस के माध्यम से करायी जाये अधिकारी, ताकि एक उचित स्थायी समिति का गठन किया जा सके।
बोर्ड' में लगातार आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोगों को शामिल किया गया हैपृष्ठभूमि. हालाँकि, उत्तरदाताओं द्वारा इसकी जानकारी दी गई है कि ये साल 2022 से संबंधित है।अब समय आ गया है कि एक स्थायी समिति बनाई जाए।ऐसा ही एक महत्वपूर्ण मंदिर है। श्री बड़ी देवी जी मंदिर उचित समाचार पत्र विज्ञापन के बाद मारुफगंज का गठन किया गया है।दो अखबारों में (एक अंग्रेजी और दूसरा हिंदी अखबार) इसके बाद, प्राप्त आवेदनों को भेजा जाना चाहिए।
बता दें कि 23 जुलाई को पटना हाई कोर्ट ने सूबे के सभी सार्वजनिक मंदिर / मठ एवम ठाकुरबाड़ी जो बोर्ड से निबंधित है , उनके न्यास समिति के गठन के लिए दिशा निर्देश जारी किया था ।इसके तहत धार्मिक न्यास के सदस्यों/ न्यासी की नियुक्ति संबंधित जिले के जिलाधिकारी एवम अनुमंडल अधिकारी द्वारा जांच पड़ताल के बाद अनुशंसित नागरिकों की फेरहिस्त से ही बोर्ड को न्यास समिति गठित करने का आदेश है ।
लेकिन हाई कोर्ट के इस आदेश का अनुपालन बोर्ड ने मारूफगंज बड़ी देवी जी के न्यास समिति के पुनर्गठन में नही किया है ।
पटना हाई कोर्ट ने अपने आदेश में पटना के जिलाधिकारी को मारूफगंज समिति का पदेन अध्यक्ष पटना सिटी एसडीओ को उपाध्यक्ष और मालसलामी थाना प्रभारी को नियमित सदस्य होने का आदेश दिया । मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर , 2024 को होगी.