Bihar News: शहरों में जगह की कमी और बढ़ती हरियाली की जरूरत को देखते हुए बिहार सरकार ने छतों पर बागवानी को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में छतों पर फल, फूल, और सब्जियों की खेती को बढ़ावा देना है।
योजना का लाभ कैसे लें?
खुद के मकान की स्थिति में छत पर 300 वर्ग फीट खाली स्थान हो।अपार्टमेंट में रहने वालों को अपनी सोसाइटी से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लेना होगा।
लागत और सब्सिडी:
प्रति इकाई लागत: ₹48,574।
सरकारी अनुदान: 75% (₹36,430.50)।
लाभार्थी का अंशदान: ₹12,143.50।
कौन उठा सकता है योजना का लाभ
निजी मकानों के साथ अपार्टमेंट के निवासी भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।योजना फिलहाल पटना (सदर, दानापुर, फुलवारी, खगौल), भागलपुर, गया, और मुजफ्फरपुर के शहरी क्षेत्रों में लागू है। कृषि मंत्री मंगल पांडे ने योजना की समीक्षा बैठक में कहा कि छत पर बागवानी योजना के तहत गमलों और फार्मिंग बेड पर विशेष जोर दिया जाए। चार जिलों में कम कीमत पर पौधों और गमलों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। अधिक से अधिक लोगों को योजना की जानकारी देकर लाभ पहुंचाया जाए।
योजना का उद्देश्य और फायदे
शहरी हरियाली: छतों पर बागवानी से शहरी इलाकों में हरियाली बढ़ेगी।
आत्मनिर्भरता: लोग अपने उपयोग के लिए फल, फूल, और सब्जियां उगा सकेंगे।
स्वास्थ्य: घर की छतों पर उगाई गई सब्जियां रसायन मुक्त होंगी।
पर्यावरण: हरियाली बढ़ने से पर्यावरण को फायदा होगा।
इसी तरह की अन्य योजनाएं
बिहार वन एवं पर्यावरण विभाग पहले से ही ऐसी योजनाएं चला रहा है। अब कृषि विभाग ने भी इसे लागू कर शहरी क्षेत्रों में हरियाली और खेती को बढ़ावा देने की पहल की है। समीक्षा बैठक में कृषि मंत्री ने अन्य योजनाओं की भी समीक्षा की:
नलकूप योजना।
बीज मसाले एवं सहजन योजना।
प्याज भंडारण संरचना।
मखाना भंडार गृह निर्माण।
सब्जी विकास योजना।