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Bihar Pharmacy College: बिहार सरकार फार्मेसी चिकित्सा संस्थानों में नहीं रहेगी शिक्षकों की कमी, सरकार ने उठा बड़ा कदम, चालू कर दिया ये काम

पांचों संस्थानों में शिक्षकों की कमी और उनसे गैर-शैक्षणिक कार्य कराए जाने की बात सामने आई थी। इसके कारण छात्रों की शैक्षणिक और व्यवहारिक पढ़ाई बाधित हो रही थी।

 Bihar Pharmacy College: बिहार सरकार फार्मेसी चिकित्सा संस्थानों में नहीं रहेगी शिक्षकों की कमी, सरकार ने उठा बड़ा कदम, चालू कर दिया ये काम
बिहार सरकार फार्मेसी चिकित्सा संस्थान- फोटो : freepik

Bihar Pharmacy College: सरकारी फार्मेसी चिकित्सा संस्थानों में शिक्षकों की कमी से पढ़ाई की गुणवत्ता पर हो रहे असर को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने पटना, बांका, रोहतास, सिवान और नालंदा स्थित फार्मेसी संस्थानों में 13-13 अतिथि सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह नियुक्ति प्रति कक्षा के मानदेय पर की जाएगी।

योग्यता और आवेदन प्रक्रिया

फार्मास्यूटिक्स, फार्मास्युटिकल केमेस्ट्री एंड एनालिसिस, फार्माकोग्नॉसी और फार्माकोलॉजी में एम-फार्मा की डिग्री। न्यूनतम दो वर्षों का शैक्षणिक अनुभव। इच्छुक उम्मीदवार 8 जनवरी तक आवेदन कर सकते हैं।

शिक्षकों की कमी से पढ़ाई पर असर

रिपोर्ट में पांचों संस्थानों में शिक्षकों की कमी और उनसे गैर-शैक्षणिक कार्य कराए जाने की बात सामने आई थी। इसके कारण छात्रों की शैक्षणिक और व्यवहारिक पढ़ाई बाधित हो रही थी। सरकार ने पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने के लिए ऑनलाइन बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू किया, लेकिन इसके संचालन और निगरानी में खामियां रहीं। संविदा पर कार्यरत सहायक प्रोफेसर पटना में अटेंडेंस लगाने के बाद अन्य जिलों में निजी संस्थानों में बाह्य परीक्षक का कार्य करते पाए गए। छात्रों की शिकायत के बाद विभाग ने प्राचार्य से मार्च से अगस्त तक की ऑनलाइन बायोमेट्रिक अटेंडेंस की सत्यापित प्रतिलिपि मांगी।

फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के मानक

फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के मानकों के अनुसार, प्रत्येक संस्थान में 27 शिक्षकों की आवश्यकता है। वर्तमान में, केवल 6-7 संविदा शिक्षक ही कार्यरत हैं। कई स्थानों पर छात्रों की उपस्थिति फर्जी तरीके से दर्ज कर परीक्षा बोर्ड को भेजी गई। इन मुद्दों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने नियमित नियुक्तियों से पहले अतिथि शिक्षकों की बहाली का निर्णय लिया।

स्वास्थ्य विभाग की पहल

स्वास्थ्य विभाग ने छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए अतिथि सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति का विज्ञापन जारी कर दिया है। यह कदम शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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