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बिहार में यूनिवर्सिटी शिक्षकों के सैलरी पर लगेगी रोक! IAS एस सिद्धार्थ का सख्त फरमान, जानें पूरी बात

बिहार में शिक्षकों के वेतन भुगतान और निजी स्कूलों में शिक्षकों से संबंधित गड़बड़ियां गंभीर चिंता का विषय हैं। विश्वविद्यालयों को पेरोल पोर्टल पर जानकारी अपडेट करने के निर्देश सख्ती से लागू किए जा रहे हैं।

बिहार में यूनिवर्सिटी शिक्षकों के सैलरी पर लगेगी रोक! IAS एस सिद्धार्थ का सख्त फरमान, जानें पूरी बात
बिहार में यूनिवर्सिटी शिक्षकों के सैलरी पर लगेगी रोक- फोटो : social media

Bihar university teacher salary: बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के वेतन भुगतान में सत्यापन और विवरण अपलोडिंग की प्रक्रिया अधूरी है। यह समस्या शिक्षकों के वेतन भुगतान में रुकावट डाल सकती है। इस स्थिति को देखते हुए, बिहार उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को निर्देश दिया है कि वे पेरोल मैनेजमेंट पोर्टल पर शिक्षकों का विवरण अपडेट करें।

सत्यापन और पे-रोल पोर्टल पर अपलोडिंग की समस्या। इस वजह से पेरोल पोर्टल पर जानकारी अपलोड न होने के कारण, शिक्षकों के वेतन भुगतान पर रोक लगने की संभावना है। अभी तक सभी शिक्षकों के दस्तावेज़ों और विवरण का पूर्ण सत्यापन नहीं हुआ है, जिससे यह समस्या बढ़ी है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने संबंधित विश्वविद्यालयों के अधिकारियों पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।

शिक्षा विभाग के निर्देश

शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि इस समस्या के समाधान के लिए संबंधित अधिकारी हर महीने संवाद बैठकें करें। इन बैठकों में कुलसचिव, वित्तीय परामर्शी और वित्त पदाधिकारी शामिल होंगे। मामले पर अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे पूरी तैयारी के साथ संवाद बैठक में शामिल हों। बैठक का एजेंडा तय कर दिया गया है, जिसमें बजट, आवंटन, उपयोगिता प्रमाण पत्र और पोर्टल पर जानकारी अपलोड करने की प्राथमिकता शामिल है।

निजी स्कूलों की लापरवाही: मधुबनी में जांच का आदेश

मधुबनी में निजी स्कूलों द्वारा गलत जानकारी और लापरवाही के मामलों पर शिक्षा विभाग ने संज्ञान लिया है। कई स्कूल संचालक प्रशिक्षित शिक्षकों के नाम पर फर्जी जानकारी देते हैं। आवेदन में शिकायत की गई है कि शिक्षकों का नाम तो दिया गया है, लेकिन उनका अस्तित्व नहीं है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने जांच टीम बनाई है। साइबर फ्रॉड या अन्य गड़बड़ी पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई होगी। लोगों ने मांग की है कि सरकारी स्कूलों की तरह निजी स्कूलों की भी नियमित जांच होनी चाहिए।

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