Bihta Airport: बिहटा एयरपोर्ट के रनवे विस्तार को लेकर नए साल में कैबिनेट द्वारा फैसला लिया जाएगा। जिला प्रशासन ने रनवे विस्तार के लिए पूर्व और पश्चिम दोनों दिशाओं में जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव मंत्रिमंडल सचिवालय को सौंप दिया है। हालांकि, स्थानीय लोगों ने जमीन अधिग्रहण का विरोध किया है। रनवे के विस्तार के लिए पूरब में 154 मकानों और पश्चिम में 246 मकानों को हटाने की आवश्यकता होगी। इस जमीन अधिग्रहण से कुल 190.50 एकड़ जमीन का इंतजाम किया जाएगा। जिला प्रशासन के अनुसार सरकार के फैसले के बाद ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
पूरब और पश्चिम दोनों तरफ हैं चुनौतियां
एयरपोर्ट के पूरब में शर्कुद्दीनपुर गांव आता है, जहां 173.50 एकड़ जमीन अधिग्रहण करनी होगी। यहां 119 पक्के और 35 कच्चे मकान, एक मस्जिद और एक मजार प्रभावित होंगे। वहीं, पश्चिम में कोरहर गांव स्थित है। जहां 173.50 एकड़ जमीन अधिग्रहण की जाएगी। यहां 143 पक्के, 103 कच्चे मकान, एक मजार और 6 मंदिर प्रभावित हैं।
रनवे की लंबाई बढ़ाने की योजना
रनवे की वर्तमान लंबाई 8,000 फीट है, जिसे बढ़ाकर 12,000 फीट किया जाएगा। इससे बड़े विमानों की लैंडिंग में किसी भी मौसम में परेशानी नहीं होगी। इसके लिए 400 मीटर लंबी और 1,500 मीटर चौड़ी जमीन की आवश्यकता है। रनवे का विस्तार पूर्व या पश्चिम दिशा में किया जा सकता है। दोनों ही दिशाओं में जमीन अधिग्रहण के लिए स्थानीय लोगों को विस्थापित करना होगा।
जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया
अब तक एयरपोर्ट के लिए 126.40 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है, जिसमें से 108 एकड़ जमीन भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को सौंप दी गई है। बाकी 18.40 एकड़ जमीन राज्य सरकार ने स्टेट हैंगर के लिए सुरक्षित रखी है। सिविल इन्क्लेव के लिए 8.44 एकड़ जमीन का अधिग्रहण जारी है।
लोगों का विरोध
जमीन अधिग्रहण से प्रभावित लोग लगातार प्रशासन को पत्र लिखकर इस प्रक्रिया को रोकने की मांग कर रहे हैं। प्रशासन ने स्थिति का निरीक्षण करने के लिए कमेटी गठित की थी। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर उच्च अधिकारियों ने क्षेत्र का दौरा भी किया। वहीं रनवे विस्तार के लिए अंतिम निर्णय सरकार को लेना है। फैसले के बाद जमीन अधिग्रहण और अन्य कार्यों को तेजी से पूरा किया जाएगा।