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BPSC 70th Protest: परिक्षा रद्द करन के लिए राजनीति और प्रदर्शन तेज, अभ्यर्थियों के समर्थन में बिहार बंद का ऐलान

BPSC 70वीं पीटी परीक्षा विवाद ने अभ्यर्थियों के धरने और राजनीतिक दलों के समर्थन से बड़ा रूप ले लिया है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस विवाद को शांत करने के लिए क्या कदम उठाती है और चक्का जाम से क्या स्थिति उत्पन्न होती है।

BPSC 70th Protest: परिक्षा रद्द करन के लिए राजनीति और प्रदर्शन तेज, अभ्यर्थियों के समर्थन में बिहार बंद का ऐलान
BPSC एग्जाम को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज - फोटो : social media

BPSC exam Protest: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त परीक्षा के मुद्दे पर राजनीतिक हलचल और प्रदर्शन तेज हो गया है। परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों की मांग और विरोध प्रदर्शन के बीच वाम दल माले और अन्य संगठनों ने समर्थन जताया है।

छात्र संसद और माले का चक्का जाम का ऐलान

29 दिसंबर को पटना के गांधी मैदान में प्रशांत किशोर द्वारा छात्र संसद बुलाने की घोषणा की गई है। इसके अलावा वाम दल माले ने छात्रों के समर्थन में 30 दिसंबर को बिहार में चक्का जाम का ऐलान किया है। वहीं पूरे बिहार में सड़क और रेल परिचालन बाधित किया जाएगा।माले ने कहा कि सरकार की "बहरी और अड़ियल" नीतियों के खिलाफ यह जरूरी कदम है।

सरकार को अल्टीमेटम

माले ने सरकार को रविवार तक का अल्टीमेटम दिया है। उनकी मांग है कि BPSC की 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द किया जाए।

अगर रविवार तक परीक्षा रद्द नहीं की गई, तो चक्का जाम का स्वरूप विकराल होगा।

धरने पर अड़े अभ्यर्थी

पटना में 11वें दिन भी अभ्यर्थी धरने पर डटे हुए हैं।अभ्यर्थियों का कहना है कि BPSC 70वीं पीटी परीक्षा पेपर लीक के कारण रद्द की जानी चाहिए। हालांकि, आयोग का दावा है कि परीक्षा में पेपर लीक जैसी कोई घटना नहीं हुई।प्रभावित केंद्र (बापू परीक्षा सेंटर) के लिए चार जनवरी को नई परीक्षा तिथि घोषित कर दी गई है।

विपक्षी दलों का समर्थन

AISA और RYA जैसे संगठनों ने माले के चक्का जाम को समर्थन दिया है।अन्य विपक्षी दलों से भी इस आंदोलन में सहयोग मांगा गया है।BPSC परीक्षा विवाद ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। सरकार के लिए बड़ी चुनौती है परीक्षा को लेकर उठे विवाद को शांत करना।विरोध प्रदर्शनों और विपक्षी दलों के आरोपों का सामना करना। इस दौरान छात्रों के समर्थन में आंदोलन को तेज कर सरकार पर दबाव बनाना।

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