Bihar Teacher Salary: बिहार के कई विश्वविद्यालय शिक्षा विभाग के निर्देशों का पालन करने में नाकाम रहे हैं। इन विश्वविद्यालयों ने न तो निर्धारित समय सीमा के भीतर शिक्षकों और कर्मचारियों का डेटा पोर्टल पर अपलोड किया है और न ही उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा किए हैं। वहीं अब इस मामले में विभाग ने कड़ा रुख अपनाया है।
शिक्षकों का वेतन रुका
इस गंभीर मुद्दे को देखते हुए शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को कड़ी चेतावनी दी है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि सभी शिक्षकों और कर्मचारियों का डेटा तुरंत पे-रोल मैनेजमेंट पोर्टल पर अपलोड किया जाना चाहिए। जिन विश्वविद्यालयों ने ऐसा नहीं किया है, उनके शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन रोक दिया जाएगा।
एक सप्ताह में देनी होगी जानकारी
विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी विश्वविद्यालयों को उन शिक्षकों और कर्मचारियों की सूची सौंपनी होगी जिनकी नियुक्ति नियमित नहीं है। यदि एक सप्ताह के भीतर यह जानकारी नहीं दी जाती है तो ऐसे कर्मचारियों का वेतन भुगतान भी रोक दिया जाएगा।
विश्वविद्यालयों ने 345 करोड़ रुपये के उपयोगिता प्रमाण पत्र अब तक नहीं किया जमा
उच्च शिक्षा निदेशालय के अनुसार, चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में विश्वविद्यालयों ने 345 करोड़ रुपये के उपयोगिता प्रमाण पत्र अभी तक जमा नहीं किए हैं। इस कारण विभाग ने सभी कुलसचिवों को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि जिन मदों के लिए धनराशि जारी की गई थी, लेकिन उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है, उस राशि को भविष्य में जारी की जाने वाली राशि में से काट लिया जाएगा। साथ ही, बिना उपयोग की गई राशि को वापस विभाग को जमा कराना होगा।